मध्य प्रदेश के गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में दक्षिण अफ्रीका से 5 से 8 चीते आएंगे

नयी दिल्ली: मध्य प्रदेश के गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में एक बाड़ वाले क्षेत्र में पांच से आठ चीतों को संभवत: साल के आखिर में छोड़ा जाएगा ताकि उन्हें प्रजनन के लिए वातावरण और अनुकूल मौसम मिले। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

दक्षिण अफ्रीका का एक प्रतिनिधिमंडल चीतों को लाने के लिए गांधीसागर में तैयारियों और कुनो राष्ट्रीय उद्यान में परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को भारत पहुंचा था। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश के गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किया और उन्हें महत्वाकांक्षी ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत चीतों को लाने की तैयारियों से अवगत कराया गया। बाड़ों, नियंत्रण कक्ष और भावी पशु चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लेते समय बहुमूल्य जानकारी साझा की गई।’’

दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच प्रजाति संरक्षण, विशेष रूप से ‘प्रोजेक्ट चीता’ को लेकर साझेदारी मजबूत करने पर चर्चा की। परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रजनन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पांच से आठ चीतों को गांधीसागर के एक बाड़ वाले क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा इस साल के आखिर में हो सकता है और मानूसन के बाद इसकी अधिक संभावना है।

गांधीसागर में 64 वर्ग किलोमीटर का एक बाड़ा बनाया जा रहा है जहां कुनो से सड़क मार्ग से करीब छह घंटे में पहुंचा जा सकता है। यह अभयारण्य 368 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसके आसपास 2,500 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त क्षेत्र है।

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