दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है : आतिशी
नयी दिल्ली. दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए एक बड़ी राजनीतिक साजिश रच रही है. आतिशी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी उनकी सरकार को गिराने के लिए एक राजनीतिक साजिश है. हमें विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा. लेकिन दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना गैरकानूनी और जनादेश के खिलाफ होगा.”
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि ”राष्ट्रपति शासन का डर” आम आदमी पार्टी को सता रहा है, जिसके पास विधानसभा में 62 विधायक हैं. आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो इस आशंका की ओर इशारा करती हैं. मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के किसी वरिष्ठ अधिकारी को दिल्ली में तैनात नहीं किया गया है.
उन्होंने आरोप लगाया, ”विभागों में पद खाली पड़े हैं लेकिन कोई तैनाती नहीं हुई है. नौकरशाहों ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए मंत्रियों द्वारा बुलाई जाने वाली बैठकों में आना बंद कर दिया है. उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कामकाज को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र लिख रहे हैं.” उन्होंने कहा कि भाजपा को पहले से ही पता था कि वह राष्ट्रीय राजधानी में ”सत्ता में नहीं आ सकती.” आतिशी ने कहा, ”आप ने 2015 और 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराया है. इसलिए वे दिल्ली सरकार को गिराना चाहते हैं. लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाना गैरकानूनी होगा क्योंकि दिल्ली सरकार के पास बहुमत है. हमने इस साल 17 फरवरी को सदन में विश्वासमत प्राप्त किया था.” बाद में आतिशी के मंत्रिमंडल सहयोगी सौरभ भारद्वाज ने भी इसी अंदाज में अपनी बात कही.
उन्होंने कहा, ”भाजपा और उपराज्यपाल दिल्ली में संवैधानिक संकट के बारे में बात कर रहे हैं. यह दिखाता है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश है. भाजपा को 2015 और 2020 में दो बार दिल्ली में हराया गया और वह जानती है कि वह दिल्ली में सरकार नहीं बना सकती है. अगर आज चुनाव कराए जाते हैं तो अरविंद केजरीवाल विजयी होंगे.” भारद्वाज ने कहा, ”दिल्ली में 2014 में राष्ट्रपति शासन लगाया गया. उस समय हम उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे. इसके बाद चुनाव कराए गए और 2015 में ‘आप’ सत्ता में आयी.”
उन्होंने कहा, ”लोगों ने उन्हें राष्ट्रपति शासन लगाने का जवाब दिया. अगर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो दिल्ली के लोग फिर से उन्हें जवाब देंगे.” भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने ‘आप’ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि राष्ट्रपति शासन का डर आम आदमी पार्टी को सता रहा है जबकि उसके पास विधानसभा में बहुमत है.
उन्होंने कहा, ”आतिशी ने अपने उत्पीड़न और ऑपरेशन लोटस की आम तौर पर सुनायी जाने वाली झूठी कहानी के बजाए आज सुबह एक नयी कहानी सुनायी. आज, उन्होंने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.” सचदेवा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा भी मांगा, जिन्हें धन शोधन के एक मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है.
सचदेवा ने कहा, ”बेहतर होगा यदि अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दे दें… एक नए मुख्यमंत्री को सरकार सौंपे और दिल्ली के प्रशासन को उचित तरीके से चलाने दें.” ईडी ने केजरीवाल को अब रद्द कर दी गयी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया है. वह 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं और अभी तिहाड़ जेल में हैं.