आप ने एमसीडी पर किया कब्जा, भाजपा के 15 साल के शासन का अंत

नयी दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में बुधवार को 134 सीट जीतकर इस प्रतिष्ठित नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया. एमसीडी के 250 वार्डों में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 104 सीटें हासिल कीं जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ नौ सीटें आईं. इन नतीजों का राष्ट्रीय राजधानी में आप और भाजपा के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष पर भी प्रभाव पड़ेगा.

एमसीडी चुनाव में जीत से खुश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल ने नागरिक सुविधाओं में सुधार का संकल्प व्यक्त किया और इसके लिये केंद्र तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘आशीर्वाद’ मांगा. एक्जिट पोल में भाजपा को तगड़ा झटका लगने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था, हालांकि उसने आप को अच्छी टक्कर दी और 104 वार्ड में जीत हासिल की. कांग्रेस को इस बार महज नौ सीटों से संतोष करना पड़ा जबकि पिछले निकाय चुनाव में उसने 30 वार्ड में जीत हासिल की थी. इस बार तीन निर्दलीय भी चुनाव जीते हैं.

राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा 2017 के चुनावों की तुलना में अपने मत प्रतिशत में तीन प्रतिशत की वृद्धि करने में भी कामयाब रही. आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उसे कुल डाले गए वोटों का 39.09 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जबकि आप का मत प्रतिशत भी 2017 के 21.09 प्रतिशत से बढ़कर 42.05 प्रतिशत हो गया.

आप कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकाय को ‘भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी’ से छुटकारा मिलेगा. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह लोगों का जनादेश था जिसके कारण ‘‘दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे नकारात्मक पार्टी’’ को हराने में मदद मिली.

कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे राजधानी के 42 मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती शुरू हुई और शुरुआती रुझान भाजपा के पक्ष में दिख रहे थे. एक समय भाजपा 107 सीटों पर आगे थे और आप 95 सीटों पर. जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, आप ने भाजपा को पछाड़ते हुए धीरे-धीरे बढ़त बना ली और अंत में 134 वार्ड में जीत हासिल की. एमसीडी के एकीकरण के बाद हुए यह पहले चुनाव हैं.

‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय ंिसह ने कहा कि महज 10 साल पुरानी पार्टी ने देश की सबसे बड़ी पार्टी (भाजपा) को उसी के गढ़ में ‘‘मात’’ दे दी. उन्होंने कहा, ‘‘ परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ‘आप’ एक कट्टर ईमानदार पार्टी है.’’ ंिसह ने कहा कि परिणाम इसलिए भी उल्लेखनीय हैं, क्योंकि भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए 17 केंद्रीय मंत्रियों सहित सभी शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा था.

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, एमसीडी चुनावों में हार से दिल्ली में आप के राजनीतिक प्रभुत्व को कमजोर करने के भाजपा के प्रयासों और 2025 के विधानसभा चुनावों में उसकी संभावनाओं पर असर पड़ने की उम्मीद है. दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, ‘‘15 साल की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद हमारा प्रदर्शन बेहतर है. हमने नगर निगमों में दिल्ली के लोगों के लिए काम किया लेकिन शायद कुछ लोग खुश नहीं थे. हालांकि भाजपा के खिलाफ कोई गुस्सा नहीं था.’’ इस बीच, भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने भी सुझाव दिया कि महापौर का चुनाव अब भी एक खुला खेल है और कहा कि चंडीगढ़, जहां उसकी प्रतिद्वंद्वी सबसे बड़ी पार्टी थी, में भाजपा का महापौर है.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अब बारी दिल्ली के महापौर के चुनाव की. यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि करीबी मुकाबले में कौन संख्या रखता है, मनोनीत पार्षद किस तरह से मतदान करते हैं आदि. उदाहरण के लिए, चंडीगढ़ में भाजपा का मेयर है.’’ दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेंिजदर पाल ंिसह बग्गा ने भी दावा किया कि शहर में फिर से उनकी पार्टी का महापौर होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या एमसीडी में भाजपा का अपना महापौर होगा, गुप्ता ने कहा, ‘‘कुछ भी हो सकता है.’’ गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीति में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? देखें कि कैसे भ्रष्टाचार का सामना कर रहे सिसोदिया और जैन के प्रतिनिधित्व वाली विधानसभा सीटों के तहत वार्डों में आप का सफाया हो गया.’’

वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आम आदमी पार्टी (आप) के नवनिर्वाचित पार्षदों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है और उनमें से कोई भी उनके ‘‘खेल’’’ का शिकार नहीं होगा. सिसोदिया ने कहा कि नवनिर्वाचित पार्षदों को निर्देश दिया गया है कि अगर उन्हें ऐसा कोई फोन कॉल आए तो उसे रिकॉर्ड किया जाए.
दिल्ली नगर निगम में दलबदल विरोधी कानून नहीं है.

वहीं आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने के लिए देश में सकारात्मक राजनीति की वकालत की. केजरीवाल ने कहा, ‘‘हम सभी को दिल्ली की हालत सुधारनी है और मुझे भाजपा और कांग्रेस सहित सभी के सहयोग की आवश्यकता है. हमें ऐसा करने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है, खासकर केंद्र और प्रधानमंत्री की मदद और आशीर्वाद की.’’ आप के राउज एवेन्यू स्थित कार्यालय में लाउडस्पीकरों से देशभक्ति के गीतों की गूंज के बीच सुबह से ही जश्न का माहौल था और समूचा परिसर रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजा हुआ था.

गोपाल राय, आतिशी और दुर्गेश पाठक सहित समर्थकों और नेताओं का मतगणना शुरू होने और नतीजे पार्टी के पक्ष में आने के बाद कार्यालय में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था. पार्टी कार्यालय के बाहर ‘अच्छे होंगे पांच साल, एमसीडी में भी केजरीवाल’ के होर्डिंग लगे हुए थे और आप की जीत से समर्थकों में खुशी की लहर थी.

वहीं पंजाब के चंडीगढ़ में भी आप के प्रदेश मुख्यालय में दिल्ली के निगम चुनावों में पार्टी की जीत का जश्न मनाया गया. पार्टी मुख्यालय में जुटे कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांट खुशी जताई. इस मौके पर पंजाब सरकार के कई मंत्री भी मौजूद थे. गौरतलब है कि आप की चुनावी जीत के बीच मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले नगर निगम वार्डों में आप का प्रदर्शन खराब रहा. सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के चार वार्डों में से तीन और सत्येंद्र जैन के शकूर बस्ती निर्वाचन क्षेत्र के तीनों वार्डों में भाजपा ने जीत दर्ज की है.

चार दिसंबर को हुए चुनाव में कुल 1,349 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई. राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने बुधवार को एक बयान में मतगणना से संबंधित आंकड़े साझा किए, जिसके अनुसार 784 उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई. इनमें 370 निर्दलीय, कांग्रेस के 188, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 128, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के 13, आम आदमी पार्टी (आप) के तीन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 10 उम्मीदवार शामिल हैं.

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