दिल्ली में ‘आप’ का शिक्षा मॉडल ‘उगाही’ वाला, कक्षाओं के निर्माण की लागत 326 करोड़ बढ़ा दी

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के शिक्षा विभाग में घोटाले का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि शहर की सरकार ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के दिशानिर्देशों की अनदेखी करते हुए स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण की लागत बढ़ा दी।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने 2020 में दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग को भेजी गई केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कक्षाओं के निर्माण की लागत में 326 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई, जो निविदा राशि से 53 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए नयी निविदा भी नहीं निकाली।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने शौचालयों को कक्षाओं के रूप में दिखाया ताकि स्कूलों के बुनियादी ढांचे से संबंधित आंकड़े बढ़ाए जा सकें। उन्होंने कहा कि ‘आप’ का शिक्षा मॉडल वास्तव में ‘‘उगाही मॉडल’’ है। भाटिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अरंिवद केजरीवाल के ‘डीएनए’ में भ्रष्टाचार है। यह ‘आप’ की नहीं, ‘पाप’ की सरकार है। वह और (उप मुख्यमंत्री मनीष) सिसोदिया भ्रष्टाचार में माहिर हैं।’’

उन्होंने पूछा, ‘‘यह पैसा कहा गया? क्या यह आपकी जेब में गया अरंिवद केजरीवाल जी? क्या आपने रिपोर्ट का संज्ञान लिया? आपने क्या कार्रवाई की? ’’ भाटिया ने दावा किया कि कानून के मुताबिक केजरीवाल और उनके मंत्रियों को सजा भुगतनी होगी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आप (आप आदमी पार्टी की) सरकार ने दिल्ली में 500 नए स्कूल बनवाने का वादा किया था। हालांकि ऐसा किया नहीं गया। फिर उन्होंने कहा कि मौजूदा स्कूलों में वे और कमरों का निर्माण करेंगे। कमरों की संख्या 2,400 से बढ़ाकर 7,180 की गई। निर्माण लागत में 90 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई।’’

सीवीसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बढ़ी हुई लागत में 6,133 कक्षाओं का निर्माण करना था लेकिन 4,027 कक्षाओं का ही निर्माण किया गया। सूत्रों के मुताबिक, 194 स्कूलों में 37 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च से 1,214 शौचालयों का निर्माण किया गया जबकि जरूरत 160 शौचालयों की थी।

भाटिया ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी ने 29 वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने का दावा किया था लेकिन सिर्फ दो ही बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए 989.26 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। उनके मुताबिक सभी निविदाओं का अवार्ड मूल्य 860.63 करोड़ रुपये था। हालांकि वास्तविक खर्च बढ़कर 1,315.57 करोड़ रुपये हो गया।

उन्होंने केजरीवाल सरकार से सवाल किया, ‘‘आपने नयी निविदा क्यों नहीं निकाली? अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए क्या आपने ऐसा किया?’’ दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि ढाई साल पहले यह रिपोर्ट आई थी लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे क्यों सार्वजनिक नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गंभीर मामला है…आपने शिक्षा के मंदिर तक को नहीं छोड़ा। केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।’’

Related Articles

Back to top button