‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ के खिलाफ कार्रवाई असंवैधानिक: चिदंबरम
नयी दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किये जाने को ”असंवैधानिक” करार देते हुये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेता पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि शोध एवं विचार सरकार की सोच के हिसाब से होंगे तो अकादमिक स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारत के आर्थिक हितों को प्रभावित करने और विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों तथा कानूनी लड़ाई में सहायता के लिए विदेशी धन का दुरुपयोग करने के आरोप में प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण रद्द कर दिया है.
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”अगर स्वतंत्र शोध और विचार आर्थिक नीतियों में कमियों को इंगित कर सकते हैं, तो यह देश के लिए अच्छा होता है. कम से कम मैं तो यही मानता हूं. लेकिन सरकार सोचती है कि इस तरह के शोध और राय भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाते हैं. भारत के आर्थिक हितों की परख करने वाला आखिर कौन है, सरकार या लोग .” उनका कहना था कि अगर शोध और राय को सरकार के हिसाब से चलना हो तो यह अकादमिक स्वतंत्रता का अंत होगा. चिदंबरम ने दावा किया कि ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई ”पूरी तरह असंवैधानिक” है.