इमरान खान ने प्रदर्शन मार्च पर सरकार के साथ समझौते की खबरों को किया खारिज

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को उन खबरों को खारिज कर दिया कि प्रदर्शन मार्च को लेकर सरकार के साथ उनका समझौता हो गया है. खान ने कहा कि वह इस्लामाबाद में प्रदर्शन मार्च और धरना के अपने कार्यक्रम पर आगे बढ़ेंगे जब तक कि पाकिस्तान के प्राधिकार नये सिरे से चुनाव की घोषणा नहीं कर देते.

खान (69) ने ट्वीट किया, ‘‘अफवाहें फैलाई गईं और जानबूझकर दुष्प्रचार किया गया कि एक समझौता हुआ है. बिल्कुल नहीं. हम इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं और किसी समझौते का कोई सवाल ही नहीं है. एसेंबली भंग करने और चुनाव की तारीखों की घोषणा होने तक हम इस्लामाबाद में रहेंगे. मार्च में इस्लामाबाद और रावलंिपडी के सभी लोगों से शामिल होने का आ’’ान करता हूं.’’

इससे पहले ‘दुनिया’ न्यूज चैनल ने एक खबर में बताया था कि सेना के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान की पार्टी के ‘आजादी मार्च’ को इस्लामाबाद में आयोजित करने की अनुमति दे दी है. वहीं, पुलिस और खान की पार्टी के समर्थकों के बीच झड़पों के मद्देनजर सरकार ने राजधानी की तरफ जाने वाली कई मुख्य सड़कों को जगह-जगह कंटेनर और ट्रक लगाकर अवरूद्ध कर दिया.

सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने भी खान की पार्टी के साथ किसी भी समझौते के बारे में खबर को खारिज कर दिया. उन्होंने एक पत्रकार के ट्वीट का जवाब दिया कि पीटीआई नेताओं ने इस्लामाबाद में रैली करने की अनुमति देने पर अपना विरोध मार्च वापस लेने की पेशकश की है.

मरियम नवाज ने ट्वीट किया, ‘‘सही तथ्य ये है- मार्च को विफल होते देख वे दो दिनों से बच निकलने की तलाश में थे. आज, जब लॉन्ग मार्च बुरी तरह से विफल हो गया, तो उन्होंने धरना देने के बजाय एक रैली का प्रस्ताव रखा.’’ मरियम ने आगे कहा, ‘‘सरकार ने इमरान खान के किसी भी प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है.’’

इससे पहले, ‘दुनिया’ न्यूज चैनल की खबर के मुताबिक हालात पर पैनी नजर रख रही सेना ने दोनों पक्षों से अपने मतभेद सुलझाने को कहा. सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, पूर्व स्पीकर अयाज सादिक और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता व मंत्री मौलाना असद महमूद ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं के साथ बातचीत की. पीटीआई के नेताओं में पूर्व मंत्री शाह महमूद कुरैशी, असद उमर और परवेज खट्टक शामिल थे.

चैनल ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि पीटीआई को इस्लामाबाद में रैली करने की अनुमति दी जाएगी और उसके समर्थक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद वापस लौट आएंगे.
देश के 75 साल के इतिहास में आधे समय से ज्यादा तक सेना सत्ता में रही है और सुरक्षा तथा विदेश नीति के मामलों में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए

सत्ता से बेदखल किए गए खान ने स्पष्ट तौर पर सेना का समर्थन खो दिया था क्योंकि उन्होंने पिछले साल खुफिया एजेंसी इंटर र्सिवसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख की नियुक्ति का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. खान अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ट्रक पर सवार होकर मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. खैबर-पख्तूनख्वा में एम-2 मोटरवे पर स्वाबी चौराहे पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि ‘‘चोर और अमेरिका के नौकर इस्लामाबाद में शासन कर रहे हैं.’’

उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि मार्च इस्लामाबाद के डी-चौक पर रैली आयोजित करने की योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा. जिस जगह रैली आयोजित की जाएगी वहां पास में कई महत्वपूर्ण सरकारी भवन स्थित हैं. इनमें राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय शामिल हैं.

इससे पहले दिन में, उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों को खान की पार्टी को रैली के लिए एक वैकल्पिक स्थान प्रदान करने का निर्देश दिया ताकि वे प्रदर्शन कर सकें और फिर घर जा सकें. अदालत ने आदेश दिया कि पीटीआई की रैली के लिए राजधानी के जी-9 और एच-9 सेक्टर के बीच की जमीन उपलब्ध कराई जाए. अधिकारियों ने दर्जनों कंटेनर और ट्रकों को खड़ा करके इस्लामाबाद की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और विरोध मार्च को नाकाम करने के प्रयास में खान के कई समर्थकों को गिरफ्तार किया.

एक दिन पहले सरकार ने खान की रैली पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार ने शुरू में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी थी, लेकिन ंिहसा और अराजकता की आशंका के मद्देनजर मंगलवार को इसकी मंजूरी देने से इनकार कर दिया.

बुधवार को विभिन्न शहरों में कार्रवाई शुरू की गई और पुलिस ने ‘‘आजादी मार्च’’ में शामिल होने से रोकने के लिए पीटीआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और उसके कुछ नेताओं को गिरफ्तार किया. सरकार ने लाहौर, रावलंिपडी, इस्लामाबाद और कराची समेत अन्य प्रमुख शहरों में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए धारा 144 लागू की.

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