इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को जवाब दाखिल करने का दिया समय
प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना के सर्वेक्षण के अनुरोध वाली याचिका के मामले में मुस्लिम पक्ष को जवाब दाखिल करने के लिए मंगलवार को समय दिया और अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को तय की.
इससे पूर्व 24 सितंबर को पारित आदेश के अनुपालन में वादी के वकील ने पूरक हलफनामा दाखिल किया जिससे वादकारियों में से एक लक्ष्मी देवी के आवेदन को रिकॉर्ड में दर्ज किया गया. लक्ष्मी देवी ने संरक्षित क्षेत्र का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने के अनुरोध के साथ यह आवेदन किया है और यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है.
वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी पूजा वाद में वादकारियों में से एक राखी सिंह द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने यह आदेश पारित किया. यह पुनरीक्षण याचिका वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 अक्टूबर 2023 के उस आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई है जिसमें न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना क्षेत्र (कथित शिवलिंग को छोड़कर) का सर्वेक्षण करने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एसआई) को निर्देश देने से मना कर दिया था.
राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी कि न्याय हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी. हिंदू पक्ष के वकील की दलील है कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए वजूखाना का एएसआई से सर्वेक्षण कराना आवश्यक है. यह सर्वेक्षण उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक, गैर आक्रामक पद्धति का उपयोग करके संभव है. एएसआई, वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले की सर्वेक्षण कर चुका है और वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. एएसआई ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई 2023 के आदेश के मुताबिक सर्वेक्षण किया था.