अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली दंगे के पीड़ितों की सहायता के लिए एकत्र की गई रकम निकाल ली: ईडी
नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली दंगे के पीड़ितों की सहायता के लिए धन एकत्र करने के बहाने एक ”अनधिकृत” बैंक खाता खोला और इस सार्वजनिक धन का कुछ हिस्सा नकद निकाल कर उन्हें दिया गया था.
ईडी ने दिल्ली में विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत में मंगलवार को खान और उनकी दूसरी पत्नी मरयम सिद्दीकी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद संघीय एजेंसी ने यह दावा किया है. मामले की सुनवाई चार नवंबर के लिए निर्धारित की गई है. धन शोधन का ईडी का मामला 2016-2021 के बीच खान के दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहने के दौरान की गई कथित अनियमितता से संबद्ध है. खान (50) ओखला सीट से विधायक हैं. एजेंसी ने खान पर अपने चुनावी हलफनामे में आश्रितों का ”पूर्ण विवरण” नहीं देने का भी आरोप लगाया है.
ईडी ने कहा, ”खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की कोई मंजूरी लिये बिना दिल्ली वक्फ बोर्ड राहत समिति का गठन किया.” एजेंसी ने कहा, ”दिल्ली दंगे के पीड़ितों के लिए धन एकत्र करने के बहाने खान ने दिल्ली वक्फ राहत समिति के नाम पर एक अनधिकृत बैंक खाता खोला और लोगों से प्राप्त धन राशि का कुछ हिस्सा खान के निर्देश पर नकद निकाला गया तथा इसे उन्हें (खान को) सौंप दिया गया.” दिल्ली दंगे फरवरी 2020 में हुए थे. ईडी के अनुसार, खान ने अपने द्वारा दाखिल चुनावी हलफनामे में ”आश्रितों का पूर्ण विवरण” नहीं दिया था.
इसने कहा, ”मरयम सिद्दीकी की अमानतुल्लाह खान से शादी हुई थी और वह खान पर पूरी तरह से आश्रित हैं. यह उल्लेख करना था कि उनकी आय का कोई ज्ञात स्रोत नहीं है और उन्होंने कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है.” ईडी ने कहा कि जांच में पता चला कि खान ने 2020 में अपनी दूसरी पत्नी मरयम के नाम से एक अचल संपत्ति खरीदी थी और इसका भुगतान आंशिक रूप से नकद तथा अपने करीबी सहयोगी जीशान हैदर से प्राप्त राशि से भी आंशिक रूप से किया था.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि खान ने हैदर और दाउद नासिर जैसे अपने साथियों के साथ मिलकर, दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में (खान के) विधायक के कार्यकाल के दौरान गलत तरीके से हासिल किये गए पैसों का इस्तेमाल कौसर इमाम सिद्दीकी (खान के कथित फंड मैनेजर) के माध्यम से ओखला इलाके में 275-276, टीटीआई तिकोना पार्क में एक संपत्ति खरीदने के लिए नकद भुगतान करने में किया. यह संपत्ति जावेद इमाम सिद्दीकी की थी.
एजेंसी ने दावा किया कि कौसर इमाम सिद्दीकी की जब्त की गई ”हस्तलिखित” डायरी से पता चला है कि तिकोना पार्क में इस संपत्ति की खरीद के लिए खान के करीबी सहयोगियों द्वारा 27 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया गया था. ईडी ने कहा कि उसे विक्रेता जावेद इमाम सिद्दीकी और उसकी पत्नी के बैंक खातों में ”बड़ी मात्रा में संदिग्ध जमा राशि” होने का पता चला.
खान, हैदर, दाउद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जावेद इमाम सिद्दीकी को ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. खान के खिलाफ धन शोधन की जांच दो प्राथमिकियों – वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का मामला और दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार रोधी इकाई द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति का मामला – से उत्पन्न हुई है.