अवैध शराब पर रोक के लिए सजा एवं जुर्माना बढ़ाते हुए कानून में संशोधन किया

चेन्नई: सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने अवैध शराब के विनिर्माण, इसके भंडारण और बिक्री जैसे अपराधों को लेकर सजा तथा जुर्माने में वृद्धि के लिए तमिलनाडु मद्यनिषेध अधिनियम 1937 में शनिवार को संशोधन किया। तमिलनाडु मद्यनिषेध (संशोधन) अधिनियम सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद प्रभाव में आएगा और इसका लक्ष्य राज्य से अवैध शराब की बुराई को पूरी तरह दूर करना है।

कल्लाकुरिचि अवैध शराब त्रासदी के बाद इस कानून में यह संशोधन किया गया है तथा अधिनियम की धाराओं- चार, पांच, छह, सात और 11 के तहत विभिन्न अपराधों में कैद की सजा और जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है।
इस संशोधन में अधिकतम 10 साल के सश्रम कारावास तथा पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

संशोधन के अनुसार, अवैध शराब पीने पर किसी की मौत होने की स्थिति में शराब तस्करों को कठोर उम्रकैद होगी तथा उन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। कांग्रेस विधायक दल के नेता के. सेल्वापेरुनथगाई ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए व्यवस्था में जांच एवं संतुलन खासकर पुलिस को सभी शक्तियां देने के बजाय प्रवर समिति गठित करने का सुझाव दिया।

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के नेता जी के मणि ने सरकार से शराबकांड के लिए पुलिस या खास अधिकारी को जिम्मेवार ठहराने तथा राज्य में पूर्ण मद्यनिषेध को लागू करने के वास्ते कदम उठाने की मांग की।
मद्यनिषेध मंत्री एम मुथिुस्वामी ने यह विधेयक विधानसभा में पेश किया जिसे सदन ने बाद में पारित कर दिया।

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