अमित शाह ने लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति का लिया जायजा

केंद्र इस सप्ताह सीएपीएफ की 50 और कंपनी मणिपुर भेजेगा

नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा की. सूत्रों ने बताया कि शाह ने शीर्ष अधिकारियों को जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया.

केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर में मौजूदा ‘अस्थिर’ स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की मदद के लिए लगभग 5,000 अर्धसैनिक बलों को भी वहां भेज रहा है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि शाह ने राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का भी जायजा लिया और अधिकारियों को वहां जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया. मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में हाल ही में महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हुए विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा के चलते स्थिति फिर नाजुक हो गई है.

मणिपुर के जिरीबाम जिले में दो महिलाओं और एक बच्चे के शव बराक नदी से शनिवार को बरामद किए गए, जबकि एक महिला एवं दो बच्चों के शव शुक्रवार रात मिले. ऐसा आरोप है कि उग्रवादियों ने अपहरण के बाद इनकी हत्या कर दी. जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच पिछले सोमवार को मुठभेड़ हुई थी, जिसके बाद से राहत शिविर में रहने वाली तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता थे. इस मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे.

केंद्र इस सप्ताह सीएपीएफ की 50 और कंपनी मणिपुर भेजेगा
केंद्र ने मणिपुर में सुरक्षा और कानून व्यवस्था की ”चुनौतीपूर्ण” स्थिति को देखते हुए, पूर्वोत्तर राज्य में 5,000 से अधिक र्किमयों वाली केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की अतिरिक्त 50 कंपनी भेजने का फैसला किया है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

जिरीबाम जिले में भड़की हिंसा के अन्य स्थानों पर फैलने पर 12 नवंबर को जारी एक आदेश के बाद गृह मंत्रालय ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनी राज्य में भेजी थीं जिनमें से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 15 और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पांच कंपनी हैं. सीआरपीएफ के महानिदेशक ए डी सिंह और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य में मौजूद हैं.
पिछले सप्ताह की तैनाती के बाद राज्य में अब सीएपीएफ की कुल 218 कंपनी हैं. मणिपुर पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है.

मणिपुर के जिरिबाम में सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत

मणिपुर के जिरिबाम जिले में संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो जाने की पुष्टि की है. लेकिन पुलिस ने यह साफ नहीं किया कि गोलीबारी किसने की, जबकि प्रत्यक्षर्दिशयों ने सुरक्षा बलों की ओर से गोलीबारी किए जाने का दावा किया है.

यह घटना रविवार देर रात उस समय हुई जब उग्रवादियों द्वारा अपहृत महिलाओं और बच्चों की हत्या के विरोध में प्रदर्शनकारी जिरीबाम थाना क्षेत्र के बाबूपारा में संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ”गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई… यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गोली किसने चलाई.” उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान के. अथौबा (20) के रूप में हुई है.

प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालयों और जिरिबाम के निर्दलीय विधायक के घर में तोड़फोड़ की. अधिकारियों ने बताया कि वे इमारतों से सामान, कागज आदि बाहर ले आए और वहीं सामने उनमें आग लगा दी.
इससे पहले रविवार को जिरिबाम कस्बे के समीप एक अन्य व्यक्ति का शव मिला था, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है और उसे जिला अस्पताल में रखा गया है.

इंफाल घाटी में प्रदर्शनकारियों द्वारा कई मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों में तोड़फोड़ और आगजनी किए जाने के बाद कफ्र्यू लागू है तथा इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. मणिपुर में कुल 60 विधानसभा क्षेत्र हैं और इसमें से सात विधायकों वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने रविवार को भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया और दावा किया कि एन बीरेन सिंह सरकार पूर्वोत्तर राज्य में ”संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है.” हालांकि, समर्थन वापसी से भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसके पास 32 विधायकों के साथ बहुमत है.

जिरिबाम में सोमवार को विस्थापितों के लिए बने शिविर से छह लोगों के लापता होने के बाद विरोध प्रदर्शनों की एक नई लहर देखी गई है. इसके बाद सशस्त्र लोगों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें 10 कुकी युवकों की मौत हो गई. उसे नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के पांच विधायकों और जद(यू) के छह विधायकों का भी समर्थन है.

रविवार को दो व्यक्तियों के शव असम के कछार जिले में बराक नदी में तैरते हुए पाए गए. माना जा रहा है कि ये शव जिरिबाम से लापता छह लोगों में से दो के हैं. तीन लोगों के शव दो दिन पहले जिरिबाम में जिरी नदी में तैरते हुए पाए गए थे. समझा जाता है कि ये तीन शव लापता छह लोगों से ही तीन लोगों के हैं. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को इंफाल घाटी में भाजपा के एक विधायक के पैतृक घर और जिरिबाम के निर्दलीय विधायक अशब उद्दीन के स्वामित्व वाली एक इमारत में भी तोड़फोड़ की गई.

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