पराजय से हतोत्साहित ‘अराजक’ विपक्ष हार छुपाने के लिए संवैधानिक मूल्यों की अवमानना कर रहा: भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान बहिर्गमन करने के लिए विपक्षी सदस्यों की बुधवार को आलोचना की और कहा कि उनकी मंशा सदन में केवल हंगामा करने की थी क्योंकि उनके पास सच सुनने की ताकत नहीं है.

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्यों ने राज्यसभा से बहिर्गमन किया.

भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”विपक्ष लगातार तीसरी बार अपनी पराजय से हतोत्साहित, लक्ष्यविहीन और अराजक है. वह हमारे संवैधानिक मूल्यों की अवमानना कर रहा है और अपनी हार छिपाने के लिए प्रपंच करने में व्यस्त है.” उन्होंने कहा कि इनके ‘नकारात्मक’ प्रयास राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की ‘विकसित भारत’ निर्माण की ध्येय प्राप्ति की यात्रा को बाधित नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विगत 10 वर्ष युगांतरकारी निर्णयों, ऐतिहासिक प्रगति और जन-जन के उत्थान के रहे हैं. यह विकासयात्रा ‘मोदी सरकार-3.ड’ में नए आयाम प्राप्त करेगी. राष्ट्र की वैश्विक प्रतिष्ठा को हम नए शिखर पर ले जाएंगे.” नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने जवाब में ‘विकसित भारत’ निर्माण के पथ प्रशस्त किए हैं.

उन्होंने कहा, ”यह जन-जन के उत्कर्ष और देश के तेज विकास का रोडमैप बनेगा.” विपक्षी सदस्यों की आलोचना करते हुए भाजपा के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान उन्होंने सदन से बहिर्गमन इसलिए किया क्योंकि उनमें सच सुनने की ताकत नहीं थी.

उन्होंने कहा, ”यह दुखद है. उन्होंने पिछले सत्र में प्रधानमंत्री के भाषण का बहिष्कार किया था. उन्होंने मौजूदा सत्र में भी (लोकसभा में) हंगामा किया और राज्यसभा में (प्रधानमंत्री के भाषण का) बहिष्कार किया. इससे पता चलता है कि शायद, जैसा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा, उनके पास सच सुनने की ताकत नहीं है.” प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष खरगे को हस्तक्षेप नहीं करने देने के विपक्ष के आरोप पर त्रिवेदी ने कहा कि विपक्ष के नेता ने राज्यसभा में करीब 90 मिनट तक भाषण दिया और सत्ता पक्ष ने उन्हें शांतिपूर्वक सुना.

उन्होंने कहा, ”जब प्रधानमंत्री बोल रहे थे तो उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया. इसका साफ मतलब है कि उनका सच सुनने का इरादा नहीं था. उनका उद्देश्य उनके सवालों का जवाब सुनना नहीं बल्कि केवल हंगामा करना था.” सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) ने भी ‘इंडिया’ गठबंधन पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान राज्यसभा से उनके बहिर्गमन को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया.

जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य संजय झा ने कहा, ”जब प्रधानमंत्री बोल रहे थे तो उन्हें (विपक्षी सदस्यों को) सदन में ही रहना चाहिए था.” उन्होंने कहा, ”वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि लोगों ने मोदी और राजग को लगातार तीसरी बार अपना आशीर्वाद दिया है. वे इसे समझ नहीं रहे हैं. लोग उनके व्यवहार को देख रहे हैं.”

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