एंजेल चकमा हत्या मामला: धामी ने मृतक के पिता से की बात, सख्त सजा का दिया आश्वासन

देहरादून. त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की देहरादून में हुई हत्या के बाद उपजे आक्रोश के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को उसके पिता से फोन पर बातचीत कर आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया और राज्य सरकार ने पीडि़त परिवार के लिए तत्काल आर्थिक सहायता स्वीकृत करते हुए चार लाख रुपये से अधिक की पहली किस्त जारी कर दी. पुलिस ने कहा कि चकमा की मौत उसकी रीढ़ की हड्डी और सिर में लगी घातक चोट की वजह से हुई.

धामी ने एंजेल के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बातचीत कर उसकी हत्या पर दु:ख व्यक्त किया और कहा कि इस घटना से वह व्यक्तिगत तौर पर दुखी हैं और उनके परिवार के दुख को समझ सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में देश-विदेश से बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं और यहां कभी इस प्रकार का माहौल नहीं रहा. उन्होंने कहा, ”इसलिए यह घटना हम सबके लिए भी कष्टदायक है.”

धामी ने कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने तरुण चकमा को जानकारी दी कि घटना के संबंध में पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि एक अन्य आरोपी के नेपाल भागने की आशंका है और उस पर इनाम घोषित करते हुए उसे भी गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि घटना के संबंध में उनकी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात हुई है. धामी ने जोर देकर कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह से पीडि़त परिवार के साथ है.

उन्होंने कहा कि परिवार की सहायता के लिए वह डॉ. साहा से बातचीत करेंगे और साथ ही उत्तराखंड सरकार भी परिवार की हरसंभव सहायता करेगी . यहां के एक निजी विश्वविद्यालय में एमबीए अंतिम वर्ष के 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा को नौ दिसंबर को कुछ युवकों द्वारा कथित तौर पर चाकू और कड़े से वार कर गंभीर रूप रूप से घायल कर दिया गया था. अस्पताल में 17 दिन तक भर्ती रहने के बाद 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गयी थी इस बीच, मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार ने पीडि़त परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता स्वीकृत करते हुए पहली किस्त के रूप में 4,12,500 रुपये का चेक भेज दिया.

पीडि़त परिवार को यह आर्थिक सहायता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं नागरिक अधिकार सरंक्षण अधिनियम 1955 के तहत स्वीकृत की गई है. बाद में यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने एंजेल चकमा की नृशंस हत्या को अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ”यह केवल एक छात्र की मृत्यु नहीं, बल्कि एक परिवार के सपनों और उम्मीदों का असमय अंत है.” उन्होंने एंजेल के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उसके पिता से बातचीत में उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके बेटे के सभी हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा.

धामी ने कहा, ”मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि कानून-व्यवस्था और नागरिकों की सुरक्षा उत्तराखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. दोषियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून के अनुसार कठोरतम दंड दिलाया जाएगा.” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक शांत, समावेशी और सौहार्दपूर्ण राज्य है और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि देश के प्रत्येक कोने से आने वाले छात्र यहां सुरक्षित महसूस करें.

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश में अध्ययनरत पूर्वोत्तर सहित सभी बाहरी राज्यों के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ठोस और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच, पुलिस ने बताया कि एंजेल चकमा की मौत उसकी रीढ़ की हडडी एवं सिर में घातक चोट लगने की वजह से हुई. देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने कहा कि एंजेल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मंगलवार को मिल जाएगी लेकिन उसकी मौत की वजह स्पष्ट रूप से उसकी रीढ़ की हड्डी एवं सिर में घातक चोट लगना है. उन्होंने बताया कि एंजेल की अन्य मेडिकल रिपोर्टें मिल चुकी हैं.

एंजेल की हत्या में कथित रूप से शामिल छह आरोपियों में से पांच को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है जबकि नेपाल के कंचनपुर जिले का रहने वाला यज्ञराज अवस्थी फरार है जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है और उसकी तलाश की जा रही है.
पांच में से दो आरोपी नाबालिग हैं जबकि गिरफ़्तार तीन आरोपियों की पहचान फिलहाल देहरादून में रह रहे मणिपुर निवासी सूरज ख्वास (22) अविनाश नेगी (25) और सुमित (25) के रूप में हुई है .

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