खिलाड़ियों के अलावा टीम के सहयोगी सदस्यों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाना महत्वपूर्ण: राहुल
नयी दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में लखनऊ सुपरजायंट्स (एलएसजी) को कप्तान के रूप में शुरुआती दो सत्र में प्लेऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले कप्तान लोकेश राहुल ने कहा कि उन्हें यह सफलता खुद की सोच पर भरोसा करने से मिली. वह अपनी कप्तानी के शुरुआती दिनों में ऐसा करने में विफल रहे थे. एलएसजी से पहले राहुल ने दो सत्र तक पंजाब किंग्स की कप्तानी की, लेकिन उन्हें प्लेऑफ में नहीं ले जा सके. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारत की कप्तानी भी की है. राहुल का मानना है कि उन्होंने अपनी सोच और टीम प्रबंधन की सलाह मानने के बीच सही संतुलन बना लिया है.
राहुल ने भारतीय टीम के साथी खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर कहा, ” एक टीम का निर्माण आपके द्वारा चुने गए खिलाड़ियों पर निर्भर करता है. आप अहम जगहों (बल्लेबाजी क्रम या गेंदबाजी) पर नीलामी में चूकने का जोखिम नहीं उठा सकते. मुझे यह स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है कि कप्तानी के पहले कुछ वर्षों में मैंने कुछ गलतियां भी की हैं.” राहुल मौजूदा समय में मुख्य कोच जस्टिन लैंगर के साथ काम कर रहे हैं. वह अतीत में अनिल कुंबले और एंडी फ्लावर के साथ काम कर चुके हैं.
उन्होंने कहा, ”जब आप कप्तानी करते हैं तो बहुत सारी जानकारी आती है. किस जानकारी का इस्तेमाल कैसे करना यह आपको तय करना होता है. कई बार आपकी सोच कोच के विपरीत होती है.” राहुल ने कहा, ”मेरे लिए शुरुआत में कोच की बात को काटना कठिन था क्योंकि सांस्कृतिक रूप से हमें बड़ों का सम्मान करना सिखाया जाता है. कई बार चीजें योजना के अनुसार नहीं होती थी और मैं सो नहीं पा रहा था. मुझे एहसास हुआ कि आपको टीम के खिलाड़ियों के अलावा कोच के साथ भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की जरूरत है. हम दोनों टीम के लिए एक ही चीज चाहते है.”
वर्तमान भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और पूर्ववर्ती विराट कोहली की नेतृत्व शैली के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा, ”रोहित ड्रेसिंग रूम में शांति की भावना लाए. कप्तान का जुनून वही रहता है. इससे खिलाड़ियों को अपनी भूमिका समझने और उसमें ढ.लने के लिए पर्याप्त समय मिलता है.” राहुल ने कहा, ”विराट ने पहले ही एक स्तर तय कर दिया था कि मैदान पर कैसे रहना है और रोहित शांति से चीजों को करते है.” उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी और केन विलियमसन को सबसे भद्र खिलाड़ियों में से करार दिया.