delhi vidhan sabha result on nb
eci

सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम का नाम बदलकर ह्यविजय दुर्गह्ण किया गया

कोलकाता: उपनिवेशवाद की विरासत से अलग होने की पहल के तहत कोलकाता स्थित भारतीय सेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम का नाम बदलकर ह्यविजय दुर्गह्णकर दिया गया है। एक रक्षा अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आंतरिक रूप से लिए गए निर्णय में, सेना ने शहर के मध्य में स्थित विशाल परिसर के अंदर कुछ ऐतिहासिक इमारतों का नया नाम रखा है। रक्षा अधिकारी ने फोर्ट विलियम और इसके अंदर कुछ अन्य इमारतों का नाम बदलने के सेना के फैसले के बारे में ह्यपीटीआई-भाषाह्ण को बताया, ह्यह्यहम धीरे-धीरे औपनिवेशिक विरासत से अलग हो रहे हैं।

अधिकारी ने बताया कि सेना ने सेंट जॉर्ज गेट का नाम बदलकर शिवाजी द्वार कर दिया है। उन्होंने कहा कि किले और इसके अंदर स्थित कुछ ऐतिहासिक इमारतों का नाम बदलने का निर्णय नवंबर-दिसंबर में लिया गया था।
रक्षा अधिकारी ने बताया, ह्यह्यहमने किचनर हाउस का नाम बदलकर मानेकशॉ हाउस रख दिया है।ह्णह्ण फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सेना प्रमुख थे। इस युद्ध के नतीजे में बांग्लादेश अस्तित्व में आया।

किचनर हाउस का नाम खार्तूम के प्रथम अर्ल एचएच किचनर के नाम पर रखा गया था।सेना ने किले के अंदर रसेल ब्लॉक का नाम बदलकर बाघा जतिन ब्लॉक रख दिया है। यह नाम स्वतंत्रता सेनानी जतिन्द्रनाथ मुखर्जी के नाम पर रखा गया है, जिन्हें बाघा जतिन के नाम से जाना जाता है। 1915 में ओडिशा के बालासोर में गोलीबारी के बाद मुखर्जी ब्रिटिश पुलिस की गोलियों से शहीद हो गए थे।

फोर्ट विलियम का निर्माण 1781 में ब्रिटिश साम्राज्य के पूर्वी हिस्से और अधिकार के प्रतीक के तौर पर किया गया था। इस किले के अंदर और आसपास की ऐतिहासिक संरचनाओं और भवनों की वजह से इसकी आभा अद्वितीय है।
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल के दौरान हुगली नदी के पूर्वी तट पर ईंट से बने इस किले का नाम इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया है।

वर्तमान किला परिसर 170 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें कई औपनिवेशिक और आधुनिक संरचनाएं मौजूद हैं। चीन-भारत के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद 1963 में फोर्ट विलियम पूर्वी सेना कमान का मुख्यालय बन गया। इससे पहले सेना के पूर्वी कमान का मुख्यालय लखनऊ में था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button