एनडीटीवी का अधिग्रहण करने का प्रयास स्वतंत्र मीडिया को दबाने के लिए उठाया गया कदम: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने उद्योगपति गौतम अडाणी के स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा ‘न्यू डेल्ही टेलीविजन लिमिटेड’ (एनडीटीवी) के अधिग्रहण संबंधी खबरों के बीच बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘खास दोस्त’’ के स्वामित्व वाली कंपनी का यह प्रयास स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और उसे दबाने के लिए उठाया गया एक कदम है.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री के ‘खास दोस्त’ की अत्यधिक ऋणी कंपनी द्वारा एक प्रसिद्ध टीवी न्यूजÞ नेटवर्क के द्वेषपूर्ण अधिग्रहण की ख़बर आर्थिक और राजनीतिक ताकत का केंद्रीकरण है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और दबाने के लिए उठाया गया बेशर्मी भरा कदम है.

रमेश ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘क्या रहस्यमयी बात है कि ‘हमारे दो’ में से एक ने कर्ज दिया और उसका दूसरे ने हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया ताकि एक टेलीविजन नेटवर्क का द्वेषपूर्ण अधिग्रहण किया जा सके. विडंबना है कि जिसे ‘विश्वप्रधान’ कहा जाता है वह इसमें नजदीक से शामिल है.’’

अडाणी समूह ने पहले प्रतिद्वंद्वी उद्योगपति मुकेश अंबानी से पूर्व में जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था. इस कंपनी ने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. अडाणी समूह की कंपनी ने इस ऋण को अब समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है. समूह ने मंगलवार को बयान में कहा कि इसी के साथ उसने एनडीटीवी में 26 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिये 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है. अडाणी समूह का यह कदम मीडिया परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है. देश के सबसे लोकप्रिय समाचार चैनलों में शामिल एनडीटीवी के मालिकों ने कहा कि उन्हें मंगलवार तक इस अधिग्रहण की कोई जानकारी नहीं थी और यह बिना किसी चर्चा या सहमति के लिया गया निर्णय था.

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