भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी से डरी हुई है : भूपेश बघेल

रायपुर/नयी दिल्ली. छत्तीसगढ. के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस नेता राहुल गांधी से डरी हुई है और उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. राहुल गांधी से जुड़े मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ. कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ”राहुल गांधी ने अडानी के बारे में सवाल उठाया था, तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ कहा था लेकिन सरकार उनके सवालों का जवाब नहीं दे पाई.”

उन्होंने कहा, ”वह लोग साजिश कर रहे हैं, षड़यंत्र कर रहे हैं और फर्जी तरीके फंसाने का काम कर रहे हैं और आरोप हम पर लगा रहे हैं. राहुल जी के खिलाफ षड़यंत्र कर रहे हैं, गांधी परिवार के साथ क्या-क्या षड़यंत्र कर रहे हैं वह देश और दुनिया देख रही है.” मुख्यमंत्री ने कहा, ”सभी जानते हैं कि किस प्रकार से राहुल जी को रोकने की कोशिश की गई. उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया और जब वह सड़कों पर चले तब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की नींद उड़ गई.”

उन्होंने दावा किया कि इसी कारण से इस प्रकार से घटनाक्रम हुआ. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि ऐसे केस में आज तक की सर्वाधिक सजा दी गई है. लगातार राहुल जी को रोकने की कोशिश की जा रही है. उनका बंगला खाली कराया गया, फिर भी राहुल जी सत्य के रास्ते में चल रहे हैं. लोग उनके साथ हैं. कितना दबाने की कोशिश करें राहुल जी न झुकेंगे न रूकेंगे.”

बघेल ने कहा, ”राहुल गांधी को बोलने की अनुमति नहीं दी गई इसलिए वह सड़क पर उतर आए और कन्याकुमारी से यात्रा शुरू की जो कश्मीर में समाप्त हुई. मैं भाग्यशाली था कि मुझे कन्याकुमारी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ झंडा सौंपा.” मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राहुल गांधी ने यात्रा शुरू की थी तो किसी ने नहीं सोचा था कि वह इसे पूरा कर पाएंगे.

उन्होंने कहा कि केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से शुरू होकर रैली कश्मीर में समाप्त हुई. आज राहुल गांधी कश्मीर में सबसे लोकप्रिय नेता हैं. बघेल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने उनकी रैली को रोकने की कोशिश की थी लेकिन तब भी उन्होंने कश्मीर के लाल बाग चौक पर झंडा फहराया था.

शहर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चौक पर हुए विरोध प्रदर्शन में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और अन्य नेता शामिल हुए. गुजरात उच्च न्यायालय ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध खारिज कर दिया.

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

आईपीसी के 162 वर्षों के इतिहास में टीका-टिप्पणी के लिए दो साल की सजा कभी नहीं हुई थी: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ”मोदी उपनाम” वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता के 162 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि तीखी टीका-टिप्पणी के लिए किसी को दो साल की सजा हुई हो.

उन्होंने ट्वीट किया, ”राहुल गांधी के खिलाफ ‘मानहानि’ का मकसद उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराना था. इसके बाद जो हुआ वो अयोग्य ठहराए जाने को जायज बताने का प्रयास था.” चिदंबरम ने कहा, ”मैं फिर से इस बात दोहराता हूं कि भारतीय दंड संहिता के अमल में आने के बाद से 162 वर्षों की अवधि के दौरान तल्ख टीका-टिप्पणी का ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसमें अदालत ने दो साल की सजा सुनाई हो. तथ्य पूरे मामले और सुनवाई अदालत के फैसले के बारे में सबकुछ कहता है. एक दिन न्याय जरूर होगा.”

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