भाजपा का अंसारी पर पाकिस्तानी पत्रकार को आमंत्रित करने का आरोप, अंसारी ने ‘झूठ का पुलिंदा’ बताया

नयी दिल्ली. भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक ऐसे पाकिस्तानी पत्रकार को भारत आमंत्रित किया था जिसने आईएसआई के लिए जासूसी करने का दावा किया है. वहीं, अंसारी ने इस आरोप को ‘‘झूठ का पुंिलदा’’ बताते हुए खारिज किया और कहा कि उन्होंने इस पत्रकार से कभी मुलाकात नहीं की तथा न ही उसे आमंत्रित किया.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के कथित दावे का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि अंसारी ने उसके साथ कई “संवेदनशील और अत्यंत गोपनीय” जानकारियां साझा कीं.
भाटिया ने भारत की बाहरी जासूसी एजेंसी रॉ के एक पूर्व अधिकारी की टिप्पणी का भी हवाला दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अंसारी ने ईरान में भारत के राजदूत के रूप में देश के हितों को नुकसान पहुंचाया था.

वर्ष 2007 से 2017 के बीच उपराष्ट्रपति रहे अंसारी ने इससे पहले ईरान सहित कई देशों में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया था.
अंसारी ने देश के हितों को नुकसान पहुंचाने के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि ईरान में राजदूत के रूप में उनका काम हर समय तत्कालीन सरकार की जानकारी में था.

मिर्जा को आमंत्रित करने के भाजपा के दावे को खारिज करते हुए अंसारी ने कहा कि यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारत के उपराष्ट्रपति की ओर से विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की सलाह पर दिया जाता है.
भाजपा प्रवक्ता भाटिया ने भी 2004-14 के बीच सत्ता में रही कांग्रेस की आलोचना की और इसके नेताओं-सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी से आरोपों पर सफाई देने को कहा.

वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व उपराष्ट्रपति के खिलाफ भाजपा के “आक्षेप” की कड़ी ंिनदा करते हुए कहा कि यह “चारित्रिक हत्या का सबसे खराब रूप” है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक बहस को कमजोर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के सहयोगी इस स्तर तक गिरेंगे, यह चौंकाने वाला है.

रमेश ने कहा, “यह दिमागी बीमारी और किसी भी तरह की ईमानदारी की कमी को दर्शाता है.” पाकिस्तान में पाकिस्तानी पत्रकार मिर्जा के साक्षात्कार की क्लिप पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसमें उसने कहा है कि उसने भारत में आतंकवाद पर एक सेमिनार में भाग लिया जिसे अंसारी ने संबोधित किया था. मिर्जा ने पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-र्सिवसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को गोपनीय जानकारी देने का भी दावा किया.

मिर्जा के दावों का हवाला देते हुए भाटिया ने कहा, “भारत के लोग आपको इतना सम्मान दे रहे हैं और आप देश को धोखा दे रहे हैं. क्या यह देशद्रोह नहीं है? सोनिया गांधी, राहुल और हामिद अंसारी को सामने आकर इसका जवाब देना चाहिए.” भाटिया ने यह भी दावा किया कि मिर्जा ने अपने साक्षात्कार में कहा है कि अंसारी ने उन्हें 2005-11 के दौरान भारत में पांच बार आमंत्रित किया था.

अंसारी के विशेष दायित्व अधिकारी रहे गुरदीप ंिसह सप्पल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मिर्जा ने यह नहीं कहा है कि अंसारी ने उन्हें आमंत्रित किया था और पाकिस्तानी पत्रकार की केवल उस सेमिनार में उपस्थिति रही होगी जहां तत्कालीन उपराष्ट्रपति ने आतंकवाद पर भाषण दिया था. सप्पल ने सिलसिलेवार ट्वीट में मिर्जा के एक वीडियो का भी उल्लेख किया जिसमें उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जब उसे 2010 में एक सेमिनार में आमंत्रित किया गया था, तो अंसारी ‘नायब सदर’ (उपराष्ट्रपति) थे.

अंसारी ने अपने बयान में कहा, ‘‘मैंने 11 दिसंबर, 2010 को आतंकवाद पर ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ का उद्घाटन किया था. जैसा कि सामान्य प्रथा है, आयोजकों द्वारा आमंत्रितों की सूची तैयार की गई होगी. मैंने उसे (पाकिस्तानी पत्रकार) कभी आमंत्रित नहीं किया या उससे मुलाकात नहीं की.’’ पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि ईरान में राजदूत के रूप में उनका काम, हर समय तत्कालीन सरकार की जानकारी में था. उन्होंने कहा कि वह ऐसे मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता से बंधे हैं और उन पर टिप्पणी करने से बचेंगे.

अंसारी ने कहा, “भारत सरकार के पास सारी जानकारी है और सच्चाई बताने वाली वह एकमात्र प्राधिकार है. यह रिकॉर्ड की बात है कि तेहरान में मेरे कार्यकाल के बाद, मुझे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था. वहां मेरे द्वारा किया गया काम देश और विदेश में स्वीकार किया गया है.” भाटिया ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अगर तत्कालीन उपराष्ट्रपति के अलावा कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी सत्तारूढ़ दल द्वारा उठाए गए सवालों पर चुप रहते हैं, तो यह इन “पापों” को स्वीकार करने के समान होगा.

उन्होंने आरोप लगाया, “उसने (मिर्जा) अंसारी से जानकारी ली और इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया.” भाटिया ने कहा कि मिर्जा को आतंकवाद के मुद्दे पर एक सेमिनार में भी आमंत्रित किया गया था. भाजपा के प्रवक्ता ने कहा, “एक व्यक्ति जो आईएसआई के साथ सूचना साझा कर रहा है उसे भारत आने के लिए आमंत्रित किया जाता है. क्या आतंकवाद को समाप्त करने के लिए कांग्रेस की यही नीति थी? उन्होंने कहा, ‘‘यह पार्टी (कांग्रेस) की जहरीली मानसिकता है. हमारी सरकार ने आतंकवाद को उखाड़ फेंकने का सकंल्प जताया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस की ऐसी सोच है.’’ भाजपा के अन्य नेताओं ने भी अंसारी पर हमला किया.

भाजपा उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से संबंधित एक पाकिस्तानी पत्रकार के दावों के बारे में पढ़कर हैरानी हुई. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें संप्रग सरकार के दौरान दूसरा कार्यकाल मिला. क्या उस दौरान शीर्ष पदों को लेकर समझौता किया गया? यह कुछ गंभीर संदेह खड़े करता है.’’ मिर्जा के दावे का हवाला देकर भाटिया ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार को सात भारतीय शहरों की यात्रा के लिए वीजा दिया गया जबकि आमतौर पर तीन शहरों के लिए ही वीजा दिया जाता है. यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई चाहती है, भाटिया ने कहा कि पार्टी का काम मुद्दों को उठाना है और पड़ताल करना जांच एजेसियों की जिम्मेदारी है.

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