बंगाल में खराब होती कानून-व्यवस्था के विरोध में भाजपा ने शुरू किया दो दिवसीय धरना

कोलकाता. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था में ‘गिरावट’ के विरोध में बुधवार को कोलकाता में दो दिवसीय धरना शुरू किया. भाजपा ने इसके साथ ही यह आरोप भी लगाया कि संदेशखालि के फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख पुलिस संरक्षण में है. हालांकि, सत्तारूढ. टीएमसी ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया. भाजपा की प्रदेश इकाई के बड़े नेताओं के नेतृत्व में यह धरना मेयो रोड पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास शुरू किया गया है.

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दिलीप घोष ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ”शाहजहां शेख पुलिस के संरक्षण में छिपा हुआ है. वह एक अपराधी है और उस पर हत्या, बलात्कार और अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की मदद करने और गौ तस्करी का आरोप है.” उन्होंने कहा कि पुलिस और स्थानीय टीएमसी प्रशासन ने उसे काम करने और अत्याचार जारी रखने दिया.

कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर, सुंदरबन की सीमा पर स्थित संदेशखालि क्षेत्र के लोग टीएमसी के फरार स्थानीय नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों के खिलाफ यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर भीड़ के हमले के बाद से शाहजहां शेख फरार है. शेख और उसके समर्थकों पर स्थानीय लोगों ने जमीन पर कब्जा करने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों ने शेख के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था. तभी से संदेशखालि क्षेत्र में अशांति है. भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि टीएमसी द्वारा सोमवार को दिए गए इस आश्वासन में कोई प्रगति नहीं हुई है कि शेख को सात दिनों में गिरफ्तार किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ”टीएमसी शासन में पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है. संदेशखालि में जमीन पर कब्जे और यौन शोषण की कई घटनाएं राज्य में ऐसी स्थिति का ज्वलंत उदाहरण हैं. यह टीएमसी सरकार और राज्य पुलिस है जिसने शाहजहां शेख का बचाव किया है.” इससे पहले दिन में, शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि शेख कल रात से राज्य पुलिस की ‘सुरक्षित हिरासत’ में है. हालांकि, राज्य में सत्तारूढ. तृणमूल कांग्रेस ने शुभेंदु अधिकारी के दावे को निराधार और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास बताते हुए खारिज कर दिया.

नंदीग्राम के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि पुलिस शाहजहां को बरमाजुर ग्राम पंचायत से ले गई और प्रभावशाली मध्यस्थों के माध्यम से शाहजहां ने पुलिस को इसके लिए तैयार कर लिया कि पुलिस और न्यायिक हिरासत में उसे ठीक से रखा जाएगा. शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि शाहजहां आधी रात से पुलिस के संरक्षण में है.

उन्होंने दावा किया, ”सलाखों के पीछे रहने के दौरान उसे पांच सितारा सुविधाएं दी जाएंगी और उसकी पहुंच एक मोबाइल फोन तक भी होगी, जिसके माध्यम से वह टीएमसी का वस्तुत: नेतृत्व कर सकेगा. यहां तक कि वुडबर्न वार्ड (सरकारी एसएसकेएम अस्पताल) में एक बिस्तर भी खाली रखा जाएगा, यदि वह वहां कुछ समय बिताना चाहे.” संदेशखालि के लोग शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

टीएमसी नेता शांतनु सेन ने आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ”खबरों में बने रहने के लिए, अधिकारी समय-समय पर ऐसे दावे करते हैं जो न केवल निराधार हैं बल्कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास भी है. हम उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. पुलिस शाहजहां को पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है जैसे उसने क्षेत्र के अन्य आरोपी पार्टी नेताओं शिवप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया है.” टीएमसी नेता अर्जुन सिंह ने भी सवाल किया कि अधिकारी ने उन विवरणों को ईडी और सीबीआई के साथ साझा क्यों नहीं किया.

सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”ऐसा लगता है कि शेख शाहजहां कहां हैं इसके बारे में आपके पास व्यापक जानकारी है. आपने इसे ईडी और सीबीआई के साथ साझा क्यों नहीं किया? उन्हें कार्रवाई करने से किसने रोका? या, क्या आप यह बताना चाहते हैं कि राज्य प्रवर्तन एजेंसियां भाजपा-नियंत्रित ईडी और सीबीआई से अधिक सक्षम हैं?” कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया कि शेख को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है.

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