रूसी सोने के आयात पर पाबंदी लगाने के लिए ब्रिटेन ने जी-7 में अमेरिका, कनाडा, जापान से मिलाया हाथ

लंदन. जर्मनी में जी-7 शिखर सम्मेलन में रविवार को नए कठोर नियमों पर सहमति बनने के बाद ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और जापान में रूसी सोने के आयात की अब अनुमति नहीं होगी. इस कदम का उद्देश्य यूक्रेन संकट को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बढ़ाना है.

सोना, रूसी निर्यात का एक बड़ा हिस्सा है, जिसने 2021 में रूस की अर्थव्यवस्था में 12.6 अरब पौंड का योगदान दिया था. रूसी अभिजात्य वर्ग के लिए इसका महत्व हाल के महीनों में और बढ़ गया है क्योंकि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के वित्तीय प्रभाव से बचने के लिए धनी वर्ग द्वारा सोने की छड़ों की खरीदारी बढ़ गई है.

शिखर सम्मेलन में शरीक हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘‘आज हमने जिस उपाय की घोषणा की है वह पुतिन द्वारा छेड़े गए युद्ध को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुतिन अपने तेजी से कम हो रहे संसाधनों को निरर्थक और बर्बर युद्ध में झोंक रहे हैं. वह यूक्रेनी और रूसी नागरिकों की कीमत पर अपने अहम को संतुष्ट कर रहे हैं. हमें पुतिन सरकार को होने वाले वित्तपोषण को रोकने की जरूरत है. ब्रिटेन और हमारे सहयोगी देश यही कर रहे हैं. ’’

लंदन सोने के व्यापार का एक बड़ा केंद्र है और ब्रिटिश प्रतिबंधों के बाद इसका, धन जुटाने की पुतिन की कोशिश पर भारी असर पड़ेगा. यह प्रतिबंध रूस के खिलाफ लागू किया जाने वाला विश्व का अपनी तरह का पहला प्रतिबंध होगा. ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा, ‘‘रूसी मूल के सोने पर यह आयात प्रतिबंध, रूस से होने वाले हमारे आयात के 13.5 अरब पौंड, को अपने दायरे में लेगा.’’

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