विश्वास मत जीतने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने बुलाई मंत्रिमंडल की बैठक

लंदन. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मंगलवार को राजनीतिक उथलपुथल भरे तनावपूर्ण दिन के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव में मामूली अंतर से जीत हासिल की. काफी संख्या में पार्टी सांसदों ने एक नेता के तौर पर उनके खिलाफ मतदान किया. जॉनसन अपने कैबिनेट मंत्रियों की बैठक कर रहे हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया. मंत्रियों ने बगावत का नेतृत्व कर रहे सांसदों से कहा कि वे देश के भले के लिये उनके (जॉनसन के) नेतृत्व के साथ खड़े हों.

डाउंिनग स्ट्रीट से संदेश यह था कि जॉनसन अपने मंत्रियों से परिवारों पर वित्तीय दबाव को कम करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) देखभाल तक पहुंच को तेज और सुगम बनाने और सड़कों को सुरक्षित बनाने की सरकार की प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने का आ’’ान करेंगे.

जॉनसन (57) ने मंगलवार को डाउंिनग स्ट्रीट से एक बयान में कहा, ‘‘यह एक ऐसी सरकार है जो इस देश के लोगों की सबसे ज्यादा परवाह करती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने 37 अरब पाउंड का वादा किया है जिससे आर्थिक रूप से परिवारों की मदद की जा सके, समुदायों को सुरक्षित बनाने के लिये 13,500 और पुलिस अधिकारियों को काम पर रखा जा सके और लगभग 100 सामुदायिक निदान केंद्र खोलकर एनएचएस में कोविड बैकलॉग से निपटा जा सके जिससे लोगों को घर के करीब देखभाल मिल सके.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज, मैं इन प्राथमिकताओं को जारी रखने का संकल्प लेता हूं. हम कड़ी मेहनत करने वाले ब्रिटिश लोगों के पक्ष में हैं.’’ हालांकि जॉनसन की मौजूदगी में डाउंिनग स्ट्रीट में कोविड-19 लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन में हुई पार्टियों को लेकर उठा विवाद अभी पूरी तरह से थमा नहीं है और सोमवार को हुए अविश्वास मत प्रस्ताव में भी इसने ही एक प्रेरक के तौर पर भूमिका निभाई थी.
कंजर्वेटिव पार्टी के 211 सदस्यों ने उनके पद पर बने रहने के पक्ष में मतदान किया, जबकि 148 ने उनके खिलाफ वोट किया.

जॉनसन ने कहा कि यह मतदान व्यापक रूप से उनके पक्ष में रहा, क्योंकि 41.2 प्रतिशत के मुकाबले 58.8 प्रतिशत ने उनके पक्ष में मतदान किया. हालांकि, इन परिणामों के बाद उनके विरोधियों को उनकी आलोचना करने का मौका मिल गया है, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि परिणाम दिखाते हैं कि पार्टी के अधिकतर सदस्य उनके साथ हैं.

Related Articles

Back to top button