संप्रग सरकार के दौरान बीएसएनएल को दुधारू गाय मानते हुए अत्याचार किया गया : वैष्णव

नयी दिल्ली. संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में आरोप लगाया कि पूर्ववती संप्रग सरकार के कार्यकाल में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को दुधारू गाय मानते हुए इस पर अत्याचार किया गया जिससे इसकी स्थिति खराब हो गई. मंत्री ने कहा कि 2004 तक बीएसएनएल एवं एमटीएनएल एक स्वस्थ कंपनी थीं और बहुत अच्छा काम रही थीं. उन्होंने आरोप लगाया ‘‘लेकिन 2004 से 2014 के बीच कंपनी को दुधारू गाय मानते हुए इस पर अत्याचार किया गया.’’ उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में सुनियोजित तरीके से कंपनी की स्थिति खराब कर दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि 2004 से 2014 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के साथ खराब व्यवहार किया गया.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने रुग्ण कंपनी बीएसएनएल के उद्धार के लिए दो पैकेज घोषित किए जिससे यह परिचालन लाभ की स्थिति में आ गई है. उन्होंने कहा कि 2019 में 70,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया था जबकि जुलाई में कंपनी को 1.64 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. उन्होंने कहा कि भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लि. (बीबीएनएल) का फाइबर नेटवर्क बीएसएनएल को सौंप दिया गया है और एकीकृत नेटवर्क के तहत हर महीने औसतन एक लाख घरों को इस नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है.

वैष्णव ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बीबीएनएल के पास 6.5 लाख किलोमीटर फाइबर का नेटवर्क था जबकि बीएसएनएल के पास 8.5 लाख किलोमीटर फाइबर का नेटवर्क था. दोनों के विलय के बाद 15 लाख किलोमीटर लंबा एकीकृत नेटवर्क बन गया है.

उन्होंने कहा कि एकीकृत नेटवर्क के तहत हर महीने करीब एक लाख घरों को इस नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है और नए कनेक्शन दिए जा रहे हैं जहां डेटा की औसत खपत 120 जीबी प्रति माह है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क के विस्तार से अन्य फायदों के अलावा वहां की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा.

वैष्णव ने कहा कि भारत पहले दूरसंचार क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के लिए विदेशों पर निर्भर था, लेकिन अब बीएसएनएन एवं एमटीएलएल कंपनियां जल्द ही 4जी और 5जी सेवाएं शुरू करेंगी. उन्होंने कहा कि भारत में विकसित 4जी और 5जी तकनीक देश में जल्दी ही उपलब्ध होगी.

उन्होंने कहा कि गुजरात देश का पहला राज्य है जहां फाइबर नेटवर्क सभी गांवों तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि संपर्क से दूर पूर्वोत्तर गांवों के लिए एक पैकेज को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि यह पैकेज 26,000 करोड़ रुपये का है और यह 24,000 से 25,000 गांवों को कवर करेगा, जिन्हें अभी तक 4जी कवरेज नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि इस पैकेज के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा ओडिशा और हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के दूर-दराज के हिस्सों को शामिल किया जाएगा.

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