महापुरुषों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में जोहार छग पार्टी प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज

रायपुर. छत्तीसग­ढ़ की राजधानी रायपुर में अग्रवाल और सिंधी समाज के महापुरुषों के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने को लेकर जोहर छत्तीसग­ढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर शाम अग्रवाल महासभा रायपुर के अध्यक्ष विजय कुमार अग्रवाल की शिकायत के आधार पर बघेल के खिलाफ सिटी कोतवाली में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका मकसद किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) के तहत मामला दर्ज किया गया.
उन्होंने कहा कि शिकायत के अनुसार, तेलीबांधा इलाके में छत्तीसग­ढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने 26 अक्टूबर को कथित तौर पर अग्रवाल और सिंधी समाज के महापुरुष महाराजा अग्रसेन तथा भगवान झूलेलाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं.

शिकायतकर्ता ने कहा है कि बघेल की टिप्पणियों से अग्रवाल और सिंधी समाज की धार्मिक एवं सामाजिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है. शिकायत में कहा गया कि भारत सरकार ने महाराजा अग्रसेन के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया है, और छत्तीसग­ढ़ सरकार राज्य स्थापना दिवस समारोह के दौरान महाराजा अग्रसेन पुरस्कार देती है.

अग्रवाल सभा ने आरोप लगाया कि बघेल ने जानबूझकर टिप्पणी की, जिसका मकसद सामाजिक वैमनस्य पैदा करना और राज्य में शांति भंग करना था. अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. रविवार को राजधानी रायपुर में उस समय तनाव उत्पन्न गया जब तेलीबांधा थाना क्षेत्र के तहत वीआईपी चौक पर राम मंदिर के करीब स्थापित छत्तीसग­ढ़ महतारी की मूर्ति सुबह टूटी हुई मिली.

छत्तीसग­ढ़ महतारी (मां) की प्रतिमाएं पारंपरिक रूप से हरे रंग की साड़ी पहने एक हाथ में धान की बाली और हंसिया पकड़े हुए तथा दूसरे हाथ से आशीर्वाद देते हुए दिखती हैं. ये प्रतिमाएं कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य के विभिन्न शहरों में स्थापित की गई थीं.
घटना के बाद छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और इसकी राजनीतिक इकाई – जोहर छत्तीसग­ढ़ पार्टी के सदस्य मौके पर एकत्र हुए तथा विरोध प्रदर्शन किया और इस कृत्य को ”छत्तीसग­ढ़ की पहचान एवं संस्कृति पर हमला” बताया.

बाद में, छत्तीसगढि.या क्रांति सेना के सदस्य अमित बघेल ने कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि राज्य में महाराजा अग्रसेन, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्तियों को क्यों नहीं तोड़ा जाता और क्यों नहीं उनका अपमान किया जाता. उन्होंने कथित तौर पर महाराजा अग्रसेन और भगवान झूलेलाल पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं.

बाद में, पुलिस ने मूर्ति तोड़ने के आरोप में एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसे मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है.
बघेल ने अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्हें गिरफ्तारी या इससे भी बुरे अंजाम का कोई डर नहीं है और वह अपनी जमीन तथा लोगों के सम्मान की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे.

उन्होंने कहा, ”मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे मुझे फांसी दें या जेल भेज दें. मैं अपनी मिट्टी और अपने लोगों के सम्मान के लिए लड़ता रहूंगा. हम संविधान और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं.” बघेल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर छत्तीसग­ढ़ की महान हस्तियों का अपमान करने वालों को सम्मानित करने का भी आरोप लगाया. जोहार छत्तीसग­ढ़ पार्टी ने मूर्ति तोड़े जाने के विरोध में 31 अक्टूबर को रायपुर बंद का आह्वान किया है.

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