महंगाई पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने समय समय पर कदम उठाए हैं : सीतारमण

नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को कहा कि महंगाई पर नियंत्रण के लिए समय समय पर उठाए गए कदमों की वजह से, खास तौर पर जल्द ही खराब होने वाली खाद्य वस्तुओं के दाम में वृद्धि को काफी हद तक रोका जा सका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा को प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) सरकार के साथ मिल कर प्याज को गामा किरणों की मदद से नमी-रहित करने पर काम कर रहा है ताकि प्याज को लंबे समय तक रखा जा सके और यह खराब न होने पाए.

उन्होंने कहा ”जल्द खराब होने वाली कुछ खाद्य सामग्री का भारत में पर्याप्त उत्पादन नहीं होता है.” उन्होंने कहा कि प्याज के दामों में अस्थिरता को रोकने के लिए सरकार ने इसका बफर आकार 2023-24 में सात लाख मीट्रिक टन कर दिया है जो 2020-21 में एक लाख मीट्रिक टन था.

सीतारमण ने बताया कि तीन फरवरी 2024 तक कुल 6.32 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन हुआ और खुदरा बिक्री, थोक बिक्री तथा ई-नीलामी के माध्यम से ग्रेड ए का 3.96 लाख टन प्याज जारी किया गया. उन्होंने कहा कि ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं ताकि प्याज जैसी जल्द ही खराब होने वाली जिन्स को लंबे समय तक संरक्षित रखा जा सके. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: पांच और दस रुपये सीमा शुल्क नवंबर 2021 में घटाया और मई 2022 में क्रमश: आठ और छह रुपये का सीमा शुल्क घटाया.

उन्होंने कहा कि इसी तरह रसोई गैस पर सरकार 14 किग्रा के सिलेंडर पर 300 रुपये की राज सहायता दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं कि महंगाई पर लगाम लगे और आम आदमी को राहत मिले. ”लेकिन अगर राज्य सरकारें इस तरह से वह दाम नहीं घटातीं जो वह घटा सकती हैं, तो निश्चित रूप से आम लोगों के लिए मुश्किल होगी.” अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरै ने उनसे पूछा था कि तमिलनाडु सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पेट्रोल डीजल पर सीमा शुल्क घटाने का वादा किया था लेकिन अब तक इस संबंध में कोई प्रयास नहीं किया गया है.

इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और राज्य सरकारों को परामर्श भी दिया गया है. उन्होंने एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि देश में दालों का उत्पादन अधिक नहीं होता, इन्हें आयात किया जाता है अत: इनकी कीमत में वृद्धि होती है. उन्होंने बताया कि तुअर दाल का मुख्यत: मोजांबिक, म्यांमा, तंजानिया, सूडान, मलावी, नाइजीरिया और केन्या से आयात किया जाता है.

उन्होंने बताया कि 2023 में 8.79 लाख मीट्रिक टन तुअर दाल का तथा 15.14 लाख मीट्रिक टन मसूर दाल का आयात किया गया.
सीतारमण ने कहा कि सरकार ”भारत ब्रांड” के तहत किफायती दरों में दाल उपलब्ध करा रही है. इस ब्रांड के तहत 2.97 लाख मीट्रिक टन चना दाल 60 रुपये प्रति किलो की दर से 31 जनवरी 2024 तक बेची जा चुकी है.

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