बंगाल की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए कुलाधिपति का मुद्दा पैदा किया जा रहा: धनखड़

सिलीगुड़ी. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि राज्य की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए, विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उनके पद और दायित्वों को लेकर मुद्दे पैदा किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह मामला दिसंबर 2021 में भी उठाया गया था.

राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल को हटाने के प्रयास के बाबत पूछे गए सवालों के जवाब में धनखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए) मीडिया का ध्यान आर्किषत करने का खेल है. सरकार क्या करती है उसकी ंिचता मुझे तब तक नहीं, जब तक कागजात मेरे पास नहीं आते. जब कागजात मेरे पास आएंगे तब मैं संवैधानिक प्रावधानों के तहत कार्य करूंगा.’’

पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल ने हाल में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके तहत राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाया जाना है. इस प्रस्ताव को विधानसभा में एक विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा.
धनखड़ ने कहा कि ‘‘कोई विधेयक तभी कानून बनता है जब राज्यपाल उस पर हस्ताक्षर करते हैं. एक अध्यादेश भी तभी जारी होता है जब राज्यपाल स्वीकृति देते हैं.’’ उन्होंने कहा कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया ‘‘कलंकित’’ है और यह ‘‘शर्म’’ की बात है.

न्यायपालिका की आलोचना कर अभिषेक बनर्जी ने हद पार की: धनखड़
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से मामलों की जांच कराने के आदेश को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने न्यायपालिका की आलोचना करके ‘‘ हद पार कर दी है’’. राज्यपाल ने इसके साथ ही यह भी दावा किया कि राज्य में संवैधानिक प्राधिकारों पर हमले हो रहे हैं. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने बनर्जी की टिप्पणियों को गंभीरता से लिया है. उन्होंने मामले में राज्य के मुख्य सचिव से तत्काल उचित कार्रवाई करने को कहा.

राज्यपाल दार्जींिलग की यात्रा पर हैं. उन्होंने बागडोगरा हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद कहा, ‘‘राज्य में संवैधानिक संस्थानों पर हमले हो रहे हैं, न्यायपालिका पर हमला ंिनदनीय है.’’ उन्होंने कहा,‘‘ एक आम सभा में उस न्यायाधीश पर निशाना साधना जिसने एसएससी घोटाला मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, बेहद ंिनदनीय है. माननीय संसद सदस्य ने हद पार कर दी है.’’

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले एक वर्ष में कई मामलों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, जिनमें चुनाव बाद हुई ंिहसा और स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने के मामले भी शामिल हैं. बनर्जी ने शनिवार को हल्दिया में एक रैली में राज्य में ‘‘प्रत्येक मामले’’ में सीबीआई जांच को लेकर ‘‘ न्यायपालिका में एक प्रतिशत लोगों’’ की आलोचना की थी.

बनर्जी ने कहा था, ‘‘ मुझे यह कहते हुए शर्म महसूस हो रही है कि न्यायपालिका में एक या दो ऐसे लोग हैं जो प्रत्येक मामले में सीबीआई जांच का आदेश दे रहे हैं. यह न्यायपालिका का केवल एक प्रतिशत है…..’’ उन्होंने कहा था, ‘‘अगर आपको लगता है कि सच बोलने के लिए आप मेरे खिलाफ कार्रवाई करोगे तो मैं हजार बार सच बोलूंगा.’’ इस घटनाक्रम ने तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल के बीच गतिरोध को और बढ़ा दिया है. जुलाई 2019 में धनखड़ के राज्यपाल बनने के बाद से उनकी राज्य सरकार के साथ गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने धनखड़ पर काफी अरसे पहले ही राज्यपाल पद की सीमाओं को पार करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिनिध के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अभिषेक बनर्जी अदालतों और न्याय प्रणाली में पूरा विश्वास और सम्मान रखते हैं.’’ वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र के सभी स्तंभों को अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है. लोकसभा सदस्य मजूमदार ने कहा, ‘‘बनर्जी न्यायपालिका के आदेशों पर कैसे सवाल खड़े कर सकते हैं?’’

 

 

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