चंद्रयान-3 को कोई ‘अवैज्ञानिक रंग’ नहीं दिया जाए, विक्रम साराभाई का नाम मिले: ए राजा

अमेरिका और इंग्लैंड की तरह भारत आज पहली पंक्ति में खड़ा है: हेमा मालिनी

नयी दिल्ली. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता ए. राजा ने बृहस्पतिवार को सरकार से कहा कि चंद्रयान-3 मिशन को कोई ‘राजनीतिक रंग’ नहीं दिया जाए और इसका नामकरण महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर किया जाए. राजा ने लोकसभा में ”चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे राष्ट्र की अन्य उपलब्धियां” विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि भारत की बढ़ती वैज्ञानिक शक्ति का प्रभाव समाज के निचले स्तर तक पहुंचना चाहिए.

राजा ने कहा, ”चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष की सही कक्षा में पहुंचाकर पौराणिक मिथकों को समाप्त कर दिया गया है और यह द्रविड़ संस्कृति की जीत है.” उन्होंने कहा, ”मेरा सरकार से अनुरोध है कि चंद्रयान को कोई वैज्ञानिक रंग नहीं दिया जाए. अमेरिका, रूस और चीन ने भी ऐसा नहीं किया. चंद्रयान-3 को विक्रम साराभाई का नाम दिया जाए.” द्रमुक सांसद ने कहा, ”एक तरफ आप चंद्रयान को अंतरिक्ष में भेज रहे हैं, दूसरी तरफ आपका दिल और दिमाग कहीं और है. यह विरोधाभास है. एक तरफ प्रधानमंत्री चंद्रयान-3 की सफलता से अभिभूत हैं और दूसरी तरफ उन्हें विश्वकर्मा योजना शुरू करने का गौरव है.”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लोगों को सुनार, जूते बनाने के काम जैसे परंपरागत कार्यों में ही शामिल रहने के लिए प्रोत्साहित करती है. राजा ने यह भी कहा कि भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका, रूस और चीन के साथ जो समानता हासिल की है, वह यह संदेश देगी कि देश अंतरिक्ष अनुसंधान में किसी से पीछे नहीं है.

राजा ने कहा कि हम चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में भेजने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों को नकार नहीं सकते, लेकिन यह सामूहिक वैज्ञानिक एवं राजनीतिक उपलब्धि है. उन्होंने द्रविड़ साहित्य का उल्लेख करते हुए कहा कि लाखों साल पहले ही पंच तत्व से दुनिया बने होने की बात कही गयी है और जो दावे द्रविड़ विद्वानों ने हजारों साल पहले किये थे, वही बात न्यूटन ने 300 साल पहले कही.
राजा ने कहा कि तमिल विद्वान तिरुवल्लुवर ने करीब 2000 साल पहले कहा था कि पृथ्वी घूम रही है और तमिल साहित्य में वर्षों पहले चंद्रमा एवं अंतरिक्ष के अनुसंधान की बात कही जा चुकी है.

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3, तीनों में ही उनके राज्य तमिलनाडु के वैज्ञानिकों का विशेष योगदान रहा है और इन वैज्ञानिकों ने साधारण सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई करके इस पायदान को छूआ है. राजा ने यह भी कहा कि ये वैज्ञानिक संस्कृत और हिंदी नहीं जानते, केवल तमिल और अंग्रेजी जानते हैं. चर्चा में भाग लेते हुए अन्य कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी चंद्रयान-3 की सफलता का श्रेय वैज्ञानिकों को दिया.

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कोटा प्रभाकर रेड्डी ने इस मिशन की सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा, ”मेरी परवरिश वैज्ञानिक चेतना के साथ हुई है. राजनाथ सिंह का बहुत सम्मान है, लेकिन मुझे आज उनके भाषण से थोड़ी निराश हुई.” सुले के मुताबिक सिंह का कहना था कि सभी को देश की गौरवशाली परंपराओं पर बहुत गर्व है.

सुप्रिया ने कहा, ”श्रद्धा होनी चाहिए, अंधश्रद्धा नहीं होनी चाहिए…सत्तापक्ष से वैज्ञानिक चेतना की बात करते हुए ऐसी बातें होती हैं जिससे हैरानी होती है.” समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता केवल वैज्ञानिक समुदायों की है और अन्य किसी को यह श्रेय देकर इसे कमजोर नहीं किया जाए.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने कहा कि देश में आज जो वैज्ञानिक सोच है, उसमें प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके अन्य साथियों का योगदान है. उन्होंने कहा कि सरकार को चंद्रयान-3 की सफलता पर शाबासी में ही व्यस्त नहीं रहना चाहिए और देश में मौजूद अन्य जरूरी मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए.

भाजपा सांसदों ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी को दिया श्रेय

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अन्य घटक दलों के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय वैज्ञानिकों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उठाये गये कदमों को दिया.

भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा कि लाखों वर्षों से हमारे ऋषियों ने हमें कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी और तब से देश में वैज्ञानिक अनुसंधान होते रहे हैं. उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो के वर्तमान और पुराने सभी वैज्ञनिकों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया और कहा कि पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार बनने के बाद देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विज्ञान के क्षेत्र में अनेक कदम उठाये गये हैं.

भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि चंद्रयान-3 में इसरो और वैज्ञानिकों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अतुलनीय योगदान रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष विभाग के बजट को दोगुने से ज्यादा कर दिया है. सत्तारूढ़ पार्टी के ही सुमेधानंद सरस्वती ने वैज्ञानिकों को आधुनिक ऋषि करार देते हुए कहा, ”हमारे पुराणों में अनेक ऐसे वैज्ञानिक उदाहरण मिलते हैं, जिनसे साबित होता है कि देश में हजारों साल से वैज्ञानिक अन्वेषण होते रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि चंद्रमा तक भारतीय मिशन के पहुंचने में शामिल रहे समस्त लोगों और देश की आजादी से लेकर अब तक अंतरिक्ष एवं विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों का वह आभार व्यक्त करते हैं.
उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक प्रयास होने की बात कही.
भाजपा के ही एल. एस. तेजस्वी सूर्या ने कहा कि स्टार्टअप से लेकर सेरिकल्चर इंजीनियरिंग तक तथा स्पोर्ट्स इंजीनियरिंग से लेकर सुपर कंप्यूटिंग तक, मोदी सरकार ने देश को सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक काम किया है.

अमेरिका और इंग्लैंड की तरह भारत आज पहली पंक्ति में खड़ा है: हेमा मालिनी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद हेमा मालिनी ने ‘चंद्रयान-3’ की सफलता के लिए बृहस्पतिवार को वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि आज देश का हर नागरिक गर्व से कह सकता है कि अमेरिका, इंग्लैंड एवं फ्रांस की तरह भारत प्रथम पंक्ति में खड़ा है.
हेमा मालिनी ने लोकसभा में ”चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे राष्ट्र की अन्य उपलब्धियां” विषय पर चर्चा के दौरान सदन के सदस्यों का महिला आरक्षण से संबंधित ‘नारी शक्ति वंदन’ विधेयक पारित करने के लिए आभार जताया.

मथुरा से लोकसभा सदस्य ने कहा, ”भारत आज चंद्रमा पर है. हमारा राष्ट्रीय गौरव तिरंगा और अशोक चक्र चंद्रमा पर है. इक्कीसवीं सदी का भारत है, जो मोदी जी के नेतृतव में निर्भीक और जुझारू है.” उनका कहना था, ”आज हर भारतीय गर्व से कह सकता है कि अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस की तरह पहली पंक्ति में खड़ा है.” हेमा मालिनी ने कहा कि भारत को गर्व है कि ‘चंद्रयान-3’ की सफलता में महिला वैज्ञानिकों को बहुत बड़ा योगदान रहा है.

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