छत्तीसगढ़ की अस्मिता, स्वाभिमान और सम्मान की प्रतीक है छत्तीसगढ़ महतारी – मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जगदलपुर के कलेक्टर कार्यालय परिसर में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण किया और पुष्पार्पित कर उन्हें नमन किया. संभाग का पहला जिला कार्यालय जहाँ छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गई है.

मुख्यमंत्री बघेल ने प्रतिमा अनावरण के उपरांत कहा कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता, स्वाभिमान और सम्मान की प्रतीक है छत्तीसगढ़ महतारी. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा लगाई जा रही है ताकि लोगों में अपनी संस्कृति को लेकर चेतना जागृत की जा सके. अपने तीज-त्यौहार, लोक परम्पराओं को जानने-समझने का भावी पीढ़ी को पर्याप्त अवसर मिले, यही हमारा प्रयास है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है.

छत्तीसगढ़ के परंपरागत तिहारों का आयोजन किया जा रहा है. तीजा-पोरा, अक्ती, हरेली छेरछेरा जैसे लोक जीवन के तिहारों को व्यापक स्तर पर मनाने की सार्थक पहल हुई है. बोरे-बासी को आज पूरा देश जानने लगा है. आदिवासी नृत्य महोत्सव, देवगुड़ी का कायाकल्प, आदिवासी परब सम्मान निधि जैसी पहल के माध्यम से जनजातीय संस्कृति को सम्मान दिलाने का काम किया गया है.
इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद दीपक बैज, बविप्रा के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, बविप्रा के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, विधायक नारायणपुर चंदन कश्यप, पूर्व सांसद नन्द कुमार साय, महापौर सफीरा साहू, नगर पालिक निगम की अध्यक्ष कविता साहू, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, अक्षय ऊर्जा प्राधिकरण के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, कमिश्नर श्याम धावड़े, आई जी सुंदरराज पी., कलेक्टर विजय दयाराम के. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व अधिकारी उपस्थित थे.

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