मुख्यमंत्री ने 1318 शिक्षकों को सौंपा नियुक्त पत्र, जीर्णाेद्धार के पश्चात 7 हजार 688 स्कूलों का किया लोकार्पण

रायपुर. सरगुजा और बस्तर के नवनियुक्त शिक्षकों के लिए आज शिक्षक दिवस का दिन बेहद खास बन गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. 1318 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गये. उल्लास से भरे इन शिक्षकों ने नियुक्ति पत्रों को लहराते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अभिवादन किया. मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि स्कूल विद्या का मंदिर है. इन्हें जीर्णशीर्ण नहीं रखा जा सकता. हमने 2100 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के माध्यम से जीर्णशीर्ण स्कूलों के जीर्णाेद्धार की योजना तैयार की. आज 7 हजार 688 स्कूलों एवं इनमें 464 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य का लोकार्पण कर रहे हैं. आप जिन स्कूलों से अपने अध्यापन की शुरूआत करेंगे. वे बहुत सुंदर हैं. उनकी पुताई छत्तीसगढ़ में ही बने गोबर पेंट से हुई है. आप सभी इन सुंदर, सुविधापूर्ण स्कूलों में बच्चों का भविष्य गढ़ें.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हम गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर आये थे. किसानों की माली हालत खराब थी. वनोपजों का बेहतर दाम नहीं मिल पा रहा था. इलाज के लिए सुविधा नहीं थी. बस्तर में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्कूल भवन ध्वस्त कर दिए थे. जब हमने बस्तर फाइटर की नियुक्ति आरम्भ की तो इसके लिए शैक्षणिक योग्यता वाले पात्र युवक नहीं मिल पा रहे थे. आज जो बड़े पैमाने पर स्कूलों का जीर्णाेद्धार हुआ है उसके पीछे हमारी शिक्षा की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है.

उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि आप राष्ट्रनिर्माता हैं. समाज को दिशा दिखाते हैं. कोरोना में शिक्षकों ने बहुत अच्छा काम किया. ऑनलाइन पढ़ाई कराई. कोरोना की वजह से पढ़ाई का लॉस हमारे राज्य में सबसे कम रहा. आप सभी ओल्ड पेंशन के हकदार होंगे. आपका भविष्य भी हमने सुरक्षित किया है. आप छत्तीसगढ़ के बच्चों के भविष्य को गढ़ने में अपना पूर्ण योगदान दें. पहले अंग्रेजी स्कूल शासन द्वारा संचालित नहीं होता था. अब यह शासन द्वारा संचालित है. यहां पढ़ाई अच्छी है. इसलिए एडमिशन की भी काफी डिमांड है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सम्बोधन के दौरान केशकाल के धनोरा गाँव का एक संस्मरण सुनायाद्य उन्होंने कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान एक बच्ची ने मुझसे कहा कि- हमारे स्कूल को भी अच्छा बनवा दीजिए, मैंने कहा बिल्कुल. हम सभी स्कूलों को अच्छा करेंगे. इसी भाव पर अमल करते हुए हमने स्कूलों की बेहतरी के लिए 2100 करोड़ रुपये दिए. ये हमारे विद्या के मंदिर हैं. इन्हें जीर्णशीर्ण नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आप जिन स्कूलों में पढ़ाने जाएंगे. उनके स्कूल सुंदर हैं. उनमें हमारे यहां बने गोबर पेंट की पुताई हुई है. आप सभी यहां बच्चों का भविष्य गढ़ें.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागवार अभिभावकों से चर्चा भी की. लैलूंगा से हरिराम राठिया ने बताया कि हमारा स्कूल पहले ठीक नहीं था. अब बढ़िया हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब स्कूल बढ़िया हो गया है. अब रख-रखाव करते रहिए. पालक समिति इस पर ध्यान देती रहे. मुख्यमंत्री ने पढ़ाई की स्थिति के बारे में भी पूछा. बस्तर के लोहंडीगुड़ा में पदस्थ शिक्षक नितिन ने बताया कि हमारा स्कूल बहुत जर्जर स्थिति में था. अब अच्छा हो गया, अतिरिक्त कक्ष भी बन गया. मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस की उन्हें बधाई दी और शुभकामनाएं भी दी.

स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत 8000 से भी अधिक स्कूलों में 2100 करोड़ रुपए की लागत से मरम्मत एवं कायाकल्प का कार्य हो रहा है. आज 1300 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिला. इममें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के युवा हैं, मैं उन्हें बधाई देता हूँ.

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने कार्यक्रम में प्रतिवेदन रखते हुए बताया कि पूर्व में स्कूल भवनों के रख-रखाव के लिए हमारे पास बहुत कम राशि थी. लेकिन अब अच्छी राशि के साथ न केवल स्कूल में व्यवस्थाएं सुधर रही हैं बल्कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए अध्ययन-अध्यापन का अच्छा माहौल बना है. इस मौके पर स्कूल शिक्षा सचिव एस. भारतीदासन, डीपीआई सुनील जैन एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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