सिनेमा अकेले क्रांति नहीं ला सकता – मनोज बाजपेयी
मुंबई. अभिनेता मनोज बाजपेयी का कहना है कि सिनेमा अकेले क्रांति नहीं ला सकता है. अभिनेता ने उनकी आगामी फिल्म ‘साइलेंस – 2: द नाइट आउल बार शूटआउट’ का ट्रेलर जारी करने के लिए मंगलवार रात आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही. उन्होंने कला को आंदोलनों को गति देने का एक जरिया भी बताया.
बाजपेयी ने पत्रकारों से कहा, ” सिनेमा समाज के लिए दर्पण हो सकता है लेकिन सिनेमा आंदोलन शुरू नहीं कर सकता. यह आंदोलन का हिस्सा हो सकता है. सिनेमा अकेले कुछ नहीं कर सकता. हर शासक ने सिनेमा या कला का अपने तरीके से इस्तेमाल किया है.” अमिताभ बच्चन की 1970 के दशक की फिल्मों में ‘एंग्री यंग मैन’ की छवि का उदाहरण देते हुए बाजपेयी ने कहा कि यह छवि उस समय गढ.ी गई जब देश का युवा बेरोजगारी और निराशा से जूझ रहा था. कार्यक्रम में फिल्म के कलाकार प्राची देसाई, पारुल गुलाटी, साहिल वैद, दिनकर शर्मा और निर्माता किरण देवहंस, निर्देशक अबन भरूचा देवहंस के अलावा जी5 के व्यवसाय प्रमुख मनीष कालरा भी शामिल हुए.