कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे, क्योंकि उन्होंने ‘विभाजनकारी एवं दुर्भावनापूर्ण’ बयान देकर आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है. पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी और कुछ अन्य विषयों पर शिकायतें कीं. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सप्पल शामिल थे.

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ”हमने कुल 17 शिकायतें की हैं. ये सभी शिकायतें गंभीर हैं और देश के संविधान के मूल सिद्धांतों पर आघात करने वाली हैं. हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द ठोस और स्पष्ट कदम उठाए जाएंगे.” उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री को इस प्रकार का वक्तव्य नहीं देना चाहिए. उनके ‘एक्स’ हैंडल पर भी इस टिप्पणी को साझा किया गया है. मैं इसे नहीं दोहराऊंगा, क्योंकि यह भद्दा है. इसमें एक समुदाय का नाम लिया गया है. इसमें कहा गया है कि वह समुदाय संसाधनों को हड़प लेगा. उस समुदाय को घुसपैठिया बताया गया है. इसमें मंगल सूत्र की बात की गई है.”

सिंघवी ने आरोप लगाया, ”प्रधानमंत्री के पद पर आसीन एक व्यक्ति ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 का उल्लंघन किया है. भारतीय संविधान की अस्मिता पर प्रहार किया गया है. ” उन्होंने कहा, ”भारत, संविधान, प्रधानमंत्री के पद और निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता का सवाल है…जो आम आदमी के विषय में करते हैं, वो प्रतिबंध लगाना पड़ेगा, चाहे कोई व्यक्ति कितना ही बड़ा है, क्योंकि यह संवैधानिक अस्मिता का सवाल है.” कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में प्रधानमंत्री की टिप्पणी को विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण बताया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने रव­विार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है.

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने और भाजपा के अतिरिक्त अन्य सभी उम्मीदवारों के नामांकन वापस लिए जाने का विषय भी निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया और चुनाव स्थगित करने की मांग की. सिंघवी ने कहा कि सूरत में चुनाव स्थगित कर नई तिथि की घोषणा की जाए. कांग्रेस ने भाजपा पर सोशल मीडिया हैंडल पर धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल कर इसके आधार पर वोट मांगने का आरोप भी लगाया. पार्टी ने कहा कि इस मामले में भी निर्वाचन आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए.

निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए: सिब्बल

राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ‘संपत्ति बांटे जाने’ संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में राजनीतिक विमर्श इतना नीचे कभी नहीं गिरा और इस मामले में निर्वाचन आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद करोड़ों लोग निराश होंगे. 1950 के बाद से संभवत: किसी अन्य प्रधानमंत्री ने ऐसा बयान नहीं दिया है. इस भाषण में कहा गया है कि हमारे अल्पसंख्यक, जो वर्षों से भारत में रह रहे हैं, वे घुसपैठिए हैं. यह किस तरह की राजनीति है?” सिब्बल ने कहा, ”आप राम मंदिर की बात करते हैं, मंदिर का उद्घाटन करते हैं, राम के आदर्शों के बारे में बात करते हैं और दूसरी ओर आप नफरत फैलाते हैं. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ कहां है.” उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री को नोटिस जारी करना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने रव­विार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है.

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