‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से विचारधारा की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस : जयराम रमेश

‘भारत जोड़ो यात्रा’ का नतीजा हो सकती है विपक्षी एकता : रमेश

शामली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस चुनावी व्यस्तताओं के कारण विचारधारा की लड़ाई में थोड़ा ‘पिछड़’ गई थी, लेकिन पार्टी ने पहली बार विचारधाराओं के मुकाबले को पहचाना है और आज ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से विचारधाराओं की वह लड़ाई लड़ी जा रही है, जो कई साल पहले लड़ी जानी चाहिए थी.

रमेश ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान शामली के ऊंचा गांव में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम विचारधाराओं की लड़ाई में थोड़ा पिछड़ गए थे, क्योंकि हम चुनावों में व्यस्त थे. हम एक चुनाव मशीन बन गए थे… अब हमें विचारधारा की मशीन बनना है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव जिताऊ यात्रा नहीं है, यह भारत को जोड़ने की यात्रा है. पहली बार कांग्रेस ने विचारधाराओं के मुकाबले को पहचाना है. हमें विचारधारा की जो जंग कई साल पहले लड़नी थी…. आज हम इस स्थिति में हैं कि हम कह सकते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से हम विचारधाराओं के मुकाबले में उतरे हैं.’’

रमेश ने कहा, ‘‘देश में इस वक्त दो विचारधाराओं के बीच सीधी टक्कर है. एक भाजपा और संघ की विचारधारा है और दूसरी कांग्रेस की विचारधारा है.’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुक्त भारत नहीं चाहते, क्योंकि देश में बहुत से लोग उससे जुड़े हुए हैं. हम उन्हें सिर्फ इतना समझाना चाहते हैं कि भारत विविधता वाला देश है और इन विविधताओं को संघ की सोच और विचारधारा के जरिये सम्मान नहीं दिया जा सकता.’’

रमेश ने कहा, ‘‘हम संविधान के आधार पर लोकतंत्र चलाते हैं, जबकि भाजपा और संघ एकरूपता चाहते हैं. अगर आप हमारे देश की विविधताओं को दबाएंगे तो हमारी एकता खतरे में पड़ जाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र का सिद्धांत अनेकता में एकता है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का सिद्धांत अनेकता में एकता है. यानी अनेकता को स्वीकारो, अनेकता का जश्न मनाओ और आपको एकता मजबूत दिखाई देगी. संघ-भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा में यही फर्क है.’’

रमेश ने कहा, ‘‘हमारे समाज, हमारे लोकतंत्र और हमारे देश के सामने तीन बड़ी चुनौतियां और खतरे हैं. हमारा लोकतंत्र कमजोर होता जा रहा है, आर्थिक विषमताएं बढ़ रही हैं और सामाजिक ध्रुवीकरण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. राजनीतिक तानाशाही अब हकीकत बन गई है. इसका सीधा कारण हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की नीयत और नीतियां है. इन्हीं की वजह से हमें खतरों का सामना करना पड़ रहा है. इनके प्रति जनता को जागरूक करने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा से कांग्रेस संगठन में नयी ऊर्जा पैदा हुई है. यह संगठन के लिए एक संजीवनी है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कोई इवेंट नहीं है. यह एक मूवमेंट है, जो चलता रहेगा. यह यात्रा वोट के लिए नहीं निकाली जा रही है.’’ रमेश ने कहा, ‘‘चुनावों पर इस यात्रा का क्या असर होगा, यह मैं नहीं कह सकता. चुनावी राजनीति अलग है. वह हमारे संगठन पर निर्भर करती है. आरएसएस की ‘विभाजनकारी’ सोच का जहर हमारे समाज में हर कोने में पहुंच गया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में अनेकता में एकता की भावना को दबाने की जो कोशिश की गई है, उसे विफल करने के लिए पांच साल, 10 साल, 15 साल तक लगेंगे. हम इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे.’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रेडियो पर प्रसारित किए जाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा, मन की बात की यात्रा नहीं है. इसमें राहुल गांधी बोलते कम हैं और सुनते ज्यादा हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा भाषणबाजी का मौका नहीं है. समाज के अलग-अलग वर्ग-किसान, दलित, आदिवासी, महिलाएं, युवा और पूर्व सैनिक यात्रा के दौरान राहुल से मिलते हैं. उनके साथ पदयात्रा करते हैं. दोपहर में उनके साथ बैठक की जाती है. आज भी दो बैठकें होंगी. कल भी दो बैठकें हुई थीं. यह यात्रा जनता की ंिचताएं समझने के लिए निकाली गई है.’’ रमेश ने कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश में सिर्फ तीन जिलों में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालकर इस राज्य की उपेक्षा कर रही है, लेकिन यह आरोप बिल्कुल गलत है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम तो प्रदेश में और ज्यादा दिन रहना चाहते थे, लेकिन हमें पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 30 जनवरी से पहले कश्मीर पहुंचना है और दिल्ली भी लौटना है, क्योंकि संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को होती है. इसलिए इस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में उत्तर देश के तीन ही जिले शामिल किए गए हैं.’’ उन्होंने संकेत दिया, ‘‘राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि हो सकता है कि 2023 में पश्चिम से पूरब तक ऐसी ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली जाए. इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम सहित अन्य राज्यों के ऐसे जिले, जो इस यात्रा में छूट गए हैं, उन्हें शामिल किया जाएगा. इस विषय पर चर्चा और विचार-विमर्श हो रहा है कि हम कब यह यात्रा निकाल सकते हैं.’’

रमेश ने कहा, ‘‘जो राज्य ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मार्ग में नहीं पड़ते थे, हमने वहां भी यह यात्रा निकालने की घोषणा की थी. असम में साढ़े आठ हजार किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी हो चुकी है. त्रिपुरा में भी यही यात्रा संपन्न हो चुकी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बृहस्पतिवार शाम बिहार में बंका से बोधगया तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत के अवसर पर मौजूद रहेंगे.’’ उन्होंने बताया, ‘‘पश्चिम बंगाल में 28 दिसंबर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू हुई थी, जो कोलकाता से लेकर सिलीगुड़ी तक करीब 880 किलोमीटर तक जाएगी. उत्तर प्रदेश में ही 75 जिलों में से हर एक जिले में 25 किलोमीटर लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई है, जो पूरी हो चुकी है.’’ रमेश ने यह भी बताया कि आगामी 26 जनवरी से 26 मार्च तक ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान चलाया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से जो सफलता हासिल की है, उसकी कहानी विकासखंड के स्तर पर, जिले के स्तर पर और राज्य के स्तर पर पहुंचाई जाएगी. हमारे कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का संदेश पहुंचाने और लोकतंत्र के सामने खड़े खतरों के बारे में बताने का मौका मिलेगा.’’

‘भारत जोड़ो यात्रा’ का नतीजा हो सकती है विपक्षी एकता : रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ विपक्ष की एकता के लिए नहीं निकाली गई है, लेकिन विपक्षी एकता इस यात्रा के नतीजे के रूप में सामने आ सकती है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान शामली के ऊंचागांव में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में रमेश ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) द्वारा यात्रा को समर्थन दिए जाने से जुड़े सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा विपक्ष की एकता के लिए नहीं निकाली गई है, मगर विपक्ष की एकता इस यात्रा का एक नतीजा हो सकती है.’’ रमेश ने यह भी कहा, ‘‘अगर कांग्रेस मजबूत होती है तो विपक्ष की एकता भी मजबूत होगी. एक कमजोर कांग्रेस विपक्ष की एकता को मजबूत नहीं कर सकती. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कांग्रेस मजबूत होगी और अगर कांग्रेस मजबूत है तो विपक्ष की एकता भी मजबूत होगी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘बुधवार को रालोद के कई कार्यकर्ता बागपत में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए. सपा और बसपा के नेताओं से भी शुभकामनाएं मिलीं. वह राहुल गांधी के साथ चल नहीं पाए. किन कारणों से, मैं नहीं जानता, मगर यह कहना कि इस यात्रा को विपक्ष का समर्थन नहीं मिला, यह बिल्कुल गलत है. इस यात्रा के प्रति और भी बहुत से लोगों ने समर्थन जताया है, जो साथ चल नहीं पाए.’’

‘भारत के टुकड़े करने वालों’ द्वारा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाले जाने के भाजपा नेताओं के आरोप पर रमेश ने कहा, ‘‘हमने तो पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े किए हैं, ंिहदुस्तान के नहीं. जो भारत के टुकड़े कर रहे हैं, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग हैं. ये लोग भाषा के नाम पर, प्रांत के नाम पर, जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं, समाज को बांट रहे हैं…. कांग्रेस ऐसा नहीं करती.’’

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