आदिवासी, दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर दोहरा चरित्र दिखा रही है कांग्रेस : मप्र के गृह मंत्री

भोपाल. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कांग्रेस पर भाजपा शासित राज्य में आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार की घटनाओं पर अलग रुख अपनाकर दोहरा चरित्र दिखाने का आरोप लगाया और कहा कि वह (कांग्रेस) तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ने विधानसभा में सीधी जिले की पेशाब की घटना और आदिवासियों पर अत्याचार को जोर-शोर से उठाने की कोशिश की, लेकिन उसने शिवपुरी जिले में एक दलित से जुड़े अपमानजनक प्रकरण को आसानी से नजरअंदाज कर दिया, जहां दलित को कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा मल खाने के लिए मजबूर किया गया था. उन्होंने कहा कि घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पेशाब मामले के आरोपी प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया तथा शिवपुरी प्रकरण में अल्पसंख्यक समुदाय के सात लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

मिश्रा ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा , ”यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है क्योंकि एक ही दिन दो वीडियो वायरल हुए – एक सीधी (पेशाब करने की घटना) का और दूसरा शिवपुरी (जहां एक दलित को अपमानित किया गया) का. कांग्रेस ने सीधी का वीडियो तो उठाया, लेकिन शिवपुरी की घटना, जहां एक दलित व्यक्ति के मुंह में मल भर दिया गया था, का जिक्र करने से भी परहेज किया.”

उन्होंने कहा, ” ऐसा इसलिए था क्योंकि शिवपुरी की घटना में (आरोपी) शकील था जबकि सीधी में (आरोपी) शुक्ला था. ….यह प्रतिक्रिया (आरोपियों की पहचान के आधार पर) उनकी (कांग्रेस) तुष्टीकरण नीति को दर्शाती है.” मंत्री ने कहा कि सत्तारूढ. पार्टी कांग्रेस की धमकियों से नहीं डरेगी. मिश्रा के पास संसदीय कार्य विभाग का भी दायित्व है. इससे पहले दिन में सीधी पेशाब घटना और आदिवासियों पर अत्याचार पर चर्चा की कांग्रेस की मांग के बाद सदन में शोर-शराबे के चलते मध्य प्रदेश विधानसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.

गृह मंत्री ने कहा कि सीधी घटना में पुलिस ने पहले ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया है, जबकि स्थानीय अधिकारियों ने उसके परिवार के घर के “अवैध” हिस्से को गिरा दिया है.
मिश्रा ने कहा कि सीधी मामला पहले ही खत्म हो चुका है, लेकिन कांग्रेस अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ के कारण इस “तीन साल पुराने” मुद्दे को स्थगन नोटिस के माध्यम से विधानसभा में उठाना चाहती है.

सोमवार को प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था, “सीधी घटना पर भाजपा द्वारा गठित जांच समिति के शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि पेशाब करने की घटना 2019-20 की है जब कमल नाथ राज्य में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर रहे थे.” मिश्रा ने आज कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी पीड़ित के पैर धोए हैं और इस भयावह घटना पर उनसे माफी भी मांगी है, लेकिन विपक्ष अभी भी राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का फायदा उठाना चाहता है.

गृहमंत्री ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की प्रस्तुति के दौरान सीधी मुद्दा उठाकर सदन की निर्धारित परंपराओं का उल्लंघन करने के लिए कांग्रेस विधायकों की आलोचना करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति उनके अनादर को दर्शाता है. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा , ” हम (सार्वजनिक हित के मामलों पर) चर्चा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ऐसे मुद्दों को (विधानसभा में) उठाने का एक उचित तरीका है.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस अतिवृष्टि, बाढ. जैसी स्थिति और फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा नहीं उठाना चाहती और सिर्फ कुछ मामलों पर राजनीति करना चाहती है.

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