अजमेर में बैठक से पहले भिड़े कांग्रेसी, एक दूसरे के खिलाफ की नारेबाजी

नाखून कटवाकर शहीद होना चाहते हैं सचिन पायलट : लोढ़ा

जयपुर. राजस्थान के अजमेर शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुट भिड़ गए. दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की और सारे घटनाक्रम का वीड­यिो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. म­लिी जानकारी के मुताबिक पार्टी की सह प्रभारी अमृता धवन को अजमेर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करनी थी. लेक­नि बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का समर्थन करने वाले गुट आपस में भिड़ गए.

बैठक शहर के वैशाली नगर इलाके में एक जगह निर्धारित की गई थी जहां कांग्रेस नेता अमृता धवन को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके उनकी प्रतिक्रिया लेनी थी. बैठक से पहले दोनों नेताओं के समर्थकों में बैठने की व्यवस्था को लेकर कहासुनी हुई, जिसके बाद दोनों गुटों में हाथापाई हो गई.

कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विजय जैन ने कहा, “यह एक पदाधिकारियों की बैठक थी, जिसमें अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी और राजस्­थान पर्यटन निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के समर्थक पहुंचे थे. उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी जिसके परिणामस्वरूप उनके समर्थकों के बीच हाथापाई हो गई.” क्रिश्चियनगंज के थानाधिकारी कर्ण ंिसह ने बताया कि सभाकक्ष में बैठने की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुटों में मारपीट हो गयी.

दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की और बाद में एक-दूसरे की पिटाई कर दी. ंिसह ने बताया कि मौके पर मौजूद पुलिस ने हस्तक्षेप कर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया. उन्होंने बताया कि किसी को कोई बड़ी चोट नहीं पहुंची है.

नाखून कटवाकर शहीद होना चाहते हैं सचिन पायलट : लोढ़ा

राजस्­थान के निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट को सलाह दी कि वह खुद को हंसी का पात्र न बनाएं और अपनी पार्टी की मर्यादा और अनुशासन में रहकर काम करें. इसके साथ ही लोढ़ा ने पायलट द्वारा हाल ही में उठाई गई मांगों पर कटाक्ष करते हुए कहा क­ िपायलट ‘‘नाखून कटवाकर शहीद होना चाहते हैं.’’ लोढ़ा ने पायलट की मांगों के बारे में स­रिोही में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब नाखून कटवा कर आप शहीद बनना चाहते हैं. राजस्थान की जनता सबकुछ समझती है क­ िचुनावी वर्ष में आपको बेरोजगारों की याद क्­यों आ रही है, पूर्ववर्ती सरकार के घोटालों की याद क्यों आ रही है ?’’

विधायक ने कहा, ‘‘… इसको भली भांति लोग समझ रहे हैं. तो (पायलट) अपने आपको हंसी का पात्र नहीं बनाएं और जिस पार्टी में हैं उस पार्टी के अनुशासन और मर्यादा में काम करें.’’ उन्­होंने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों का जिक्र पायलट कर रहे हैं, ‘‘उन्हें मैंने पूरे पांच साल उठाया लेक­नि तब वह या उनकी टीम का कोई आदमी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ.’’ सिरोही विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने यह भी कहा कि पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि कोई भी इसे गंभीरता से नहीं लेता है.

उन्­होंने कहा, ‘‘कोई प्रभाव नहीं है इसका, कोई इसको गंभीरता से नहीं लेता और जो भी यह समूह दिख रहा है यह प्रायोजित समूह है. जो भी कदम उन्­होंने उठाए हैं … राजनीति तो खुला मैदान है क­सिने रोका है आपको.’’ उल्­लेखनीय है क­ िपायलट ने अपनी पांच दिन की जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन पर सोमवार को जयपुर में आयोज­ति सभा में सरकार के सामने तीन मांग रखी जिनमें राजस्­थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, परीक्षा पत्र लीक होने से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्­च स्­तरीय जांच कराना शामिल है.

पायलट और उनके गुट के विधायकों ने यह ताकत प्रदर्शन ऐसे समय में किया है जबकि राज्­य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और पायलट के हालिया कदमों को पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. राज्­य में मुख्­यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच लगातार खींचतान बनी हुई है.

लोढ़ा ने पिछली कई घटनाओं को लेकर पायलट पर तंज किया. उन्­होंने कहा क­ ि2018 में सरकार बनने पर पायलट अपनी कार को विधानसभा में एक गेट विशेष पर जाने की अनुमति नहीं द­एि जाने पर नाराज हो गए थे और बाद में वह मुख्­यमंत्री कार्यालय में ही अपने लिए कमरा आवंटित किए जाने पर अड़ गए. उन्­होंने कहा, ‘‘उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बावजूद पायलट ने अपना सरकारी बंगला खाली नहीं किया है.’’

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