कांग्रेस की सोच माओवादी नहीं बल्कि संवैधानिक : पार्टी का नड्डा पर पलटवार

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा पर उनके ‘माओवादी सोच’वाले बयान को लेकर पलटवार किया और कहा कि विपक्षी पार्टी की सोच माओवादी नहीं है बल्कि संवैधानिक और आर्थिक समानता वाली है. कांग्रेस ने कहा कि आर्थिक असमानता ‘गंभीर चिंता का विषय’ है. नड्डा ने हाल में कहा था कि कांग्र्रेस की आर्थिक असमानता पर सोच माओवादी प्रवृत्ति की है.

भाजपा अध्यक्ष की आलोचना करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ”जे.पी.नड्डा को जगत प्रकाश नड्डा के तौर पर जाना जाता है लेकिन लगता है कि वह प्रधानमंत्री की बीमारी से ग्रस्त हो गए हैं और झूठ प्रचार नड्डा …बन गए हैं. वह कह रहे हैं कि कांग्रेस की आर्थिक असमानता को लेकर सोच माओवादी प्रकृति की है.” उन्होंने कहा, ”इससे बड़ा कोई और झूठ नहीं हो सकता.” संविधान को उद्धृत करते हुए रमेश ने अनुच्छेद 38 और 39 का हवाला दिया और कहा कि कांग्रेस जो आर्थिक असमानता और आर्थिक शक्तियों के संकेंद्रण की बात कर रही है, वह माओवादी सोच नहीं है बल्कि संवैधानिक सोच है.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ” ये संविधान के मौलिक विचार हैं. यह बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के सिद्धांत हैं. मैं एक उदाहरण दूंगा, अनुच्छेद-39बी कहता है कि ‘आर्थिक प्रणाली का संचालन ऐसा नहीं हो जिसका नतीजा धन के संकेंद्रण के रूप में सामने आए बल्कि उत्पादन जनता की भलाई के लिए हो.’ यहीं कांग्रेस कह रही है और आर्थिक असमानता गंभीर चिंता का विषय है.” रमेश ने कहा कि 21 अरबपतियों के पास 70 करोड़ भारतीयों के बराबर संपत्ति है.

पार्टी महासचिव ने कहा, ”कांग्रेस का न्याय पत्र भारतीय कर विधान में प्रगतिशील बदलाव का वादा करता है.इससे एमएसएमई, वेतनभोगी और पेशेवरों के लिए कर पारिस्थितिकी में बदलाव आएगा.” उन्होंने कहा, ”सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम करदाताओं के बीच डर और भय के इस माहौल को दूर करेंगे और कर अधिकारियों के पास निहित कठोर शक्तियों को खत्म कर देंगे.”

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