राम मंदिर निर्माण से ”सदियों की आकांक्षा” पूरी हुई : राष्ट्रपति मुर्मू

नयी दिल्ली.अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से ‘सदियों की आकांक्षा पूरी होने’ और महिला आरक्षण कानून बनने सहित सरकार के विभिन्न कार्यों और उपलब्धियों का लेखाजोखा देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को दुनिया भर में हो रही ”उथल-पुथल” की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि इस संक्रमण काल में उनकी ” मजबूत सरकार” ने भारत को ‘विश्व मित्र’ के रूप में स्थापित किया है.
उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ”राम मंदिर की आकांक्षा सदियों से थी, आज सच हुई है.”

उनकी इस टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सदस्यों ने काफी देर तक मेजें थपथपा कर इसका स्वागत किया. उल्लेखनीय है कि अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 22 जनवरी को संपन्न हुआ. उन्होंने विश्व की वर्तामान परिस्थितियों की ओर संकेत करते हुए कहा, ” संक्रमण काल में एक मजबूत सरकार होने का क्या मतलब होता है, ये हमने देखा है. बीते 3 वर्षों से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में दरारें पड़ गई हैं.”

राष्ट्रपति ने कहा, ” इस कठिन दौर में, मेरी सरकार ने, भारत को विश्व-मित्र के रूप में स्थापित किया है. विश्व-मित्र की भूमिका के कारण ही आज हम ग्लोबल साउथ की आवाज. बन पाए हैं.” उन्होंने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण कानून लागू होने का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है.

मुर्मू ने कहा, ”तीन दशक बाद, नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने के लिए मैं आपकी सराहना करती हूं. इससे लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है.” उन्होंने कहा कि यह महिला नीत विकास के सरकार के संकल्प को मजबूत करता है और सरकार ने ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ (सुधार, कार्य प्रदर्शन और बदलाव) की अपनी प्रतिबद्धता को बनाये रखा है.

उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंता से अवगत है, इसलिए ऐसे गलत तरीकों पर सख्ती के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है. राष्ट्रपति ने कहा, ”सरकार मानती है कि विकसित भारत की भव्य इमारत 4 मज.बूत स्तंभों पर खड़ी होगी. ये स्तंभ हैं – युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब. देश के हर हिस्से, हर समाज में इन सभी की स्थिति और सपने एक जैसे ही हैं. इसलिए इन 4 स्तंभों को सशक्त करने के लिए मेरी सरकार निरंतर काम कर रही है.” भारत द्वारा विज्ञान एवं अंतरिक्ष के क्षेत्र में की गयी शानदार प्रगति का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार कृत्रिम मेधा (एआई) मिशन पर काम कर रही है जिससे नये स्टार्ट अप्स के लिए संभावनाएं खुलेंगी.

उन्होंने सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश के अंतरिक्ष अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने सफलता के साथ आदित्य मिशन प्रक्षेपित किया जो धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर अपने उपग्रह में पहुंचा. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम’ से डिजिटल स्पेस और सुरक्षित होने वाला है. उन्होंने कहा कि अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अधिनियम से देश में अनुसंधान और नवाचार को बल मिलेगा.

उन्होंने कहा, ”मेरी सरकार ने भारत को दुनिया की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यस्थाओं में से एक बनाया है. इससे करोड़ों युवाओं को रोजग़ार मिला है.” उन्होंने कहा कि सरकार का एक और बड़ा सुधार डिजिटल इंडिया का निर्माण है. डिजिटल इंडिया ने भारत में जीवन और व्यापार, दोनों को बहुत आसान बना दिया है. उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुत तेजी से काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ”मेरी सरकार ने 10 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को स्वीकृति दी है.

राष्ट्रपति ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं है जब भारत का गगनयान अंतरिक्ष में जाएगा.” उन्होंने कहा कि सरकार कृत्रिम मेधा या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मिशन पर काम कर रही है जिसके कारण भारत के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे. राष्ट्रपति ने देश में पिछले साल जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि पहले कूटनीति को दिल्ली के गलियारों तक ही सीमित रखा जाता था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसमें जनता की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की है.

स्वास्थ्य क्षेत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना, जन औषधि केंद्र, मुफ्त डायलिसिस अभियान समेत अनेक योजनाओं के कारण देश के नागरिकों के हजारों करोड़ रुपये खर्च होने से बचे हैं और इनका देश के नागरिकों के पूरे जीवन-चक्र पर सकारात्मक असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तीर्थस्थलों के विकास के लिए जो काम किए हैं उससे देश में तीर्थयात्रा आसान हुई है, वहीं दुनिया भी भारत में ‘हैरिटेज टूरिज्म’ को लेकर आर्किषत हुई है.

उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में आठ करोड़ से अधिक लोग काशी गए हैं. उन्होंने कहा कि पांच करोड़ से अधिक लोगों ने उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए हैं. उन्होंने कहा कि 19 लाख से अधिक लोगों ने केदारनाथ धाम की यात्रा की है. राष्ट्रपति ने बताया, ”अयोध्याधाम में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पांच दिन में 13 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.” उन्होंने रक्षा क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि भारत के सैन्य बल आतंकवाद और विस्तारवाद को ‘जैसे को तैसा’ की नीति के साथ जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने आंतरिक शांति के लिए जो कदम उठाए हैं उनके परिणाम सामने हैं. संसद के नए भवन में राष्ट्रपति का यह पहला संबोधन था.

मुर्मू ने कहा, ”सरकार आज पूरी सीमा पर आधुनिक अवसंरचना बना रही है. यह काम बहुत पहले ही, प्राथमिकता के आधार पर हो जाना चाहिए था. आतंकवाद हो या विस्तारवाद, हमारी सेनाएं आज ‘जैसे को तैसा’ की नीति के साथ जवाब दे रही हैं.” राष्ट्रपति का कहना था, ”आंतरिक शांति के लिए मेरी सरकार के प्रयासों के सार्थक परिणाम हमारे सामने हैं. जम्मू कश्मीर में आज सुरक्षा का वातावरण है. आज वहां हड़ताल का सन्नाटा नहीं, भीड़ भरे बाजार की चहल-पहल है. पूर्वोत्तर में अलगाववाद की घटनाओं में भारी कमी आई है. अनेक संगठनों ने स्थाई शांति की तरफ कदम बढ़ाए हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के चलते नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्र घटे हैं और नक्सली हिंसा में भी भारी गिरावट आई है.

राष्ट्रपति ने ‘वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) का उल्लेख करते हुए कहा, ”सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ को भी लागू किया, जिसका इंतजार चार दशकों से था. ओआरओपी लागू होने के बाद अब तक पूर्व सैनिकों को लगभग एक लाख करोड़ रुपये मिल चुके हैं.” उनका कहना था कि भारतीय सेना में पहली बार प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) की नियुक्ति भी हुई है. राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक साल में सरकार अनेक महत्वपूर्ण विधेयक लेकर भी आई जो सभी संसद सदस्यों के सहयोग से आज कानून बन चुके हैं.

उन्होंने कहा, ”ये ऐसे कानून हैं जो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का मजबूत आधार हैं.” राष्ट्रपति ने कहा कि गुलामी के कालखंड से प्रेरित अपराध न्याय प्रणाली अब इतिहास हो गई है, अब दंड को नहीं, अपितु न्याय को प्राथमिकता है. ‘न्याय सर्वोपरि’ के सिद्धांत पर नई न्याय संहिता देश को मिली है. उन्होंने कहा कि इसी संसद ने तीन तलाक के विरुद्ध कड़ा कानून बनाया. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 76 अन्य पुराने कानूनों को भी हटाया गया है.

इससे पहले राष्ट्रपति अपनी छह घोड़ों वाली ऐतिहासिक बग्गी पर सवार होकर नए संसद भवन पहुंचीं और अपना करीब सवा घंटे का अभिभाषण पूरा करने के बाद इसी बग्गी से राष्ट्रपति भवन वापस गयीं. नए संसद भवन पहुंचने पर मुर्मू का स्वागत उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया.

जब राष्ट्रपति ने संसद भवन में प्रवेश किया तब उनके आगे ‘राजदंड (सेंगोल)’ ले जाया गया और इसे उस स्थान के ठीक आगे एक मेज पर खड़ा किया गया जहां से राष्ट्रपति ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. मुर्मू के पीछे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चल रहे थे.

राष्ट्रगान की धुन बजाए जाने के बाद मुर्मू ने दोनों सदनों की बैठक को हिंदी में संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल और नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी आगे की पंक्तियों में बैठे नजर आए.

मुर्मू का अभिभाषण पूरा होने के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उनके भाषण के पहले और अंतिम पैरा को अंग्रेजी में पढ़ा.
अभिभाषण जब पूरा हो गया तो राष्ट्रपति के संसद कक्ष से बाहर आने पर उनके घुड़सवार अंगरक्षकों ने उन्हें बिगुल बजाकर सलामी दी. इसके उपरांत राष्ट्रपति मुर्मू अपनी छह घोड़ों वाली ऐतिहासिक बग्गी से वापस राष्ट्रपति भवन चली गयीं. इस ऐतिहासिक बग्गी पर ‘अशोक चिह्न’ भी लगा हुआ था.

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