राकांपा के अयोग्य घोषित सांसद फैजल पर दिए गए उच्च न्यायालय के फैसले पर न्यायालय की रोक

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद मोहम्मद फैजल की उस याचिका को खारिज करने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी जिसमें हत्या के प्रयास के एक मामले में उन्होंने अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने का अनुरोध किया है. इस आदेश के कारण दूसरी बार लोकसभा सांसद के रूप में उनकी अयोग्यता रद्द हो सकती है.
केरल उच्च न्यायालय के तीन अक्टूबर के आदेश पर फैजल को बुधवार को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

संसद में लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व करने वाले फैजल को इस साल संसद की सदस्यता के लिए दो बार अयोग्य घोषित किया गया है.
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज की संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद कहा, ”उच्च न्यायालय के तीन अक्टूबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई है. इस अदालत (उच्चतम न्यायालय) द्वारा याचिकाकर्ता के पक्ष में पहले पारित अंतरिम आदेश को क्रियान्वित किया जाता है.” उच्चतम न्यायालय ने 22 अगस्त को सांसद के रूप में फैजल के दर्जे को अस्थायी रूप से सुरक्षित रखा था और मामले को नए सिरे से तय करने के लिए उच्च न्यायालय को वापस भेज दिया था.

केरल उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद मोहम्मद फैजल की हत्या की कोशिश के एक मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने का आग्रह करने वाली याचिका को तीन अक्टूबर को खारिज कर दिया था. लक्षद्वीप के सांसद की दोषसिद्धि को निलंबित करने से इनकार करते हुए, उच्च न्यायालय ने मामले में फैजल और तीन अन्य को दी गई 10 साल की सजा पर रोक लगा दी थी.

लक्षद्वीप की एक सत्र अदालत ने 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिवंगत केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद मोहम्मद सलीह की हत्या के प्रयास के लिए फैजल और तीन अन्य को इस साल 11 जनवरी को सजा सुनाई थी. लक्षद्वीप प्रशासन की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) नटराज ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का विरोध किया. पीठ ने लक्षद्वीप केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन को भी नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में उससे जवाब मांगा.

इससे पहले, फैजल ने हत्या के प्रयास के मामले में अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने की याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था. लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन में कहा गया था, ”माननीय केरल उच्च न्यायालय के तीन अक्टूबर, 2023 के आदेश के मद्देनजर केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य मोहम्मद फैजल पी.पी. को उनकी दोषसिद्धि की तारीख 11 जनवरी, 2023 से लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है.”

उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को निलंबित करने से इनकार कर दिया था. लेकिन उच्च न्यायालय ने इस मामले में फैजल और तीन अन्य को दी गई 10 साल की सजा को निलंबित कर दिया था. लक्षद्वीप की एक सत्र अदालत ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिवंगत केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद मोहम्मद सलीह की हत्या के प्रयास के मामले में 11 जनवरी को फैजल और तीन अन्य लोगों को सजा सुनाई थी.

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