बेटियों को वीरता के क्षेत्र में दिया जाएगा माता बहादुर कलारिन पुरस्कार : मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि माता बहादुर कलारिन पर कलार समाज ही नहीं, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ को गर्व है. उनकी अदम्य वीरता पर हम सबको नाज है उनके नाम पर वीरता के क्षेत्र पुरस्कार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कलार (सिन्हा) समाज मेहनतकश समाज है. छत्तीसगढ़ के विकास में इस समाज का गौरवपूर्ण भागीदारी है. बघेल आज बालोद जिले के कलंगपुर में कलार समाज के प्रांतीय महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि महुआ बोर्ड के गठन के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. इस बोर्ड का अध्यक्ष कलार समाज से बनाया जाएगा. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को मकर संक्रांति पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले कलार समाज के प्रतिभावान लोगों को सम्मानित किया.

इस अवसर पर उन्होंने पूर्व माध्यमिक शाला ग्राम परसही को हाई स्कूल मे उन्नयन, ग्राम सिकोसा में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना, ग्राम कलंगपुर में सामुदायिक भवन के लिए 20 लाख रुपये, सीसी रोड निर्माण हेतु 10 लाख रुपए और सोलर हाई मास्क लाईट के लिए 10 लाख रुपए की घोषणा की. इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य एवं कलार समाज के महिला मंच के प्रांताध्यक्ष किरण सिन्हा ने की.

मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में आगे कहा कि प्रत्येक समाज का रीति-रिवाज, परम्परा एवं संविधान होता है. उन्होंने कहा कि समाज की परम्परायें जो वर्तमान में सामयिक एवं उचित नही है. उन्हें समाप्त करने का कार्य भी समाज को ही करना होगा. बघेल ने कहा कि मेरे और बालोद जिलेवासियों के बीच अटूट रिश्ता एवं असीम अनुराग है, जिसके फलस्वरूप बहुत ही कम अंतराल में लगातार बालोद जिले में मेरा आगमन हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेक लोककल्याणकारी कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ गरीबों की जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का संचालन किया जा रहा है. इन योजनाओं के जरिए बड़ी संख्या में ग्रामीणजन लाभान्वित हो रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने हेतु गौठानों में विभिन्न आजीविकामूलक कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है. हमारी माताएॅ, बहनें गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, दीया निर्माण, जैविक कीटनाशक निर्माण आदि विभिन्न स्वरोजगारमूलक कार्यों का सम्पादन सफलतापूर्वक कर रहीं है. इसके साथ-साथ अब गौठानों में प्राकृतिक पेंट का भी निर्माण किया जा रहा है. अब स्कूलों एवं सभी शासकीय कार्यालयों की रंगाई-पुताई प्राकृतिक पेंट से की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक विकासखण्डों में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना की जा रही है. इसके माध्यम से राज्य के नौजवानों को रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ बैंको से लोन आदि की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.

बघेल ने कहा कि राज्य में 65 प्रकार के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का कार्य भी किया जा रहा है. इन सभी योजनाओं के माध्यम से राज्य के आम लोगों के आय में वृद्धि हो रही है तथा वे आर्थिक रूप से समृद्धि एवं स्वावलंबी बन रहे हैं. इसके साथ-साथ हमारी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ की परम्परा, संस्कृति, भाषा, रीति-रिवाज के भी संरक्षण एवं संवर्धन हेतु ठोस कार्ययोजना बनाई गई है. इसके अंतर्गत राम वनगमन परिपथ, बाबा गुरू घासीदास तपोस्थलि जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक केन्द्रों को नई पहचान दिलाने का कार्य किया जा रहा है.

कार्यक्रम को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य किरण सिन्हा, संजारी बालोद की विधायक संगीता सिन्हा, कलार समाज के प्रांत अध्यक्ष दीपक सिन्हा एवं युवा मंच के अध्यक्ष गोविंद सिन्हा ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, संसदीय सचिव एवं क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह निषाद, विधायक संजारी बालोद संगीता सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष सोनादेवी देशलहरा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में समाजिक बंधु उपस्थित थे.

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