महाराष्ट्र के पुरस्कार समारोह में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 13

महाराष्ट्र में गर्मी से मौत : नागरिकों ने पर्याप्त बंदोबस्त न होने के लिए सरकार की आलोचना की

मुंबई/ठाणे. नवी मुंबई में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह में लू लगने के बाद इलाज करा रहे 55 वर्षीय एक और व्यक्ति की मौत के साथ ही प्रचंड गर्मी की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है जबकि आठ मरीजों का उपचार चल रहा है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. मृतकों में नौ महिलाएं और चार पुरुष हैं.

रविवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खारघर इलाके में खुले मैदान में आयोजित ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सामाजिक कार्यकर्ता अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था. कार्यक्रम में जुटे अधिकतर लोग सामाजिक कार्यकर्ता के अनुयायी थे.

पनवेल निगम आयुक्त (पीएमसी) गणेश देशमुख ने कहा, ‘‘सभी शवों की पहचान कर ली गई है और डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम किया गया है. शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है.’’ पीएमसी के उपायुक्त विठ्ठल डाके के अनुसार नवी मुंबई के कमोठे के एमजीएम अस्पताल में आठ मरीजों का इलाज जारी है जबकि 16 अन्य को छुट्टी दे दी गई है.

उन्होंने कहा, ‘‘उपचाराधीन आठ मरीजों की हालत स्थिर है.’’ मृतकों की पहचान महेश नारायण गायकर (42), जयश्री जगन्नाथ पाटिल (54), मंजूषा कृष्ण बोमडे (51), स्वप्निल सदाशिव केनी (30), तुलसीराम भाऊ वांगड (58), कलावती सिद्धराम व्याचल (46), भीम कृष्ण साल्वी (58), सविता संजय पवार (42), पुष्पा मदन गायकर (64), वंदना जगन्नाथ पाटिल (62), मीनाक्षी मोहन मिस्त्री, गुलाब बबन पाटिल (55) और विनायक हलदनकर (55) के तौर पर हुई है.

नवी मुंबई पुलिस की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कार्यक्रम के दौरान जब महिलाएं और बच्चे पीने के पानी की तलाश में थे, तो खारघर के एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अपनी टीम के साथ उनके लिए पानी ले गए. विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीन दिन से पुलिस र्किमयों को कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास तैनात किया गया था और वे चिलचिलाती धूप के बावजूद कार्यक्रम के बाद भी वहीं डटे रहे. नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिंिलद भारंभे कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मैदान में थे. विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘कोई भगदड़ नहीं हुई.’’

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अत्यधिक गर्मी के कारण कई महिलाएं बेहोश हो गईं और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसर्किमयों ने उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए भीड़ के बीच मोटरसाइकिल पर बिठाकर चिकित्सा सहायता केंद्रों तक पहुंचाया और उनकी जान बचाई. खारघर में 306 एकड़ में फैले मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग आए थे. घटनास्थल के सबसे नजदीकी मौसम विज्ञान केंद्र ने अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था.

महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने इस बात की जांच की मांग की है कि नवी मुंबई में दोपहर के समय जब तापमान बहुत अधिक होता है तो ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह का आयोजन कैसे किया गया. धर्माधिकारी के पौधारोपण अभियान, रक्तदान और चिकित्सा शिविरों के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में नशामुक्ति कार्यों के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ ंिशदे ने मौतों को ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया था और कहा था कि मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

महाराष्ट्र में गर्मी से मौत : नागरिकों ने पर्याप्त बंदोबस्त न होने के लिए सरकार की आलोचना की

खारघर में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान 10 से अधिक लोगों की मौत पर मुंबई के विभिन्न वर्गों के लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि राज्य सरकार को अप्रैल की भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन शाम को करना चाहिए था या छाया के लिए अस्थायी छत बनानी चाहिए थी.

नवी मुंबई में कई एकड़ में फैले इंटरनेशनल कॉरपोरेट पार्क में रविवार सुबह खुले में पुरस्कार समारोह का आयोजन किए जाने के बाद लू लगने तथा अन्य स्वस्थ्य समस्याओं के कारण 13 लोगों की मौत हो गयी. इस कार्यक्रम में कई लाख लोग शामिल हुए थे जिनमें से ज्यादातर पुरस्कार से सम्मानित अप्पासाहेब धर्माधिकारी के समर्थक थे. अंधेरी के निवासी गुरचरण मल्होत्रा ने कहा कि मुंबई की गर्मी असहनीय हो गयी है और पांच मिनट भी धूप में बैठना मुश्किल है लेकिन यहां लोगों को घंटों खुले में बैठाया गया और यह बड़ी भूल साबित हुई.

मल्होत्रा ने कहा, ‘‘एक तरफ सरकार कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रही है और लोगों से मास्क पहनने का अनुरोध कर रही है. वहीं, सरकार खुद पर्याप्त बंदोबस्त किए बिना इतने बड़े पैमाने पर एक कार्यक्रम आयोजित करती है.’’ श्रमिक संघ के नेता श्रीरंग बारगे ने कहा कि राज्य सरकार को पता होगा कि धर्माधिकारी के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं और कार्यक्रम में लाखों लोग आ सकते हैं तो पानी, छाया की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी.

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