बंगाल के स्कूलों में नौकरियां समाप्त करने का फैसला गैर-न्यायोचित : ममता बनर्जी

केशियारी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 25,000 से अधिक स्कूली नौकरियों को निरस्त किये जाने को बृहस्पतिवार को ‘पूरी तरह अन्याय’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों को मतदान ड्यूटी में तैनात करने से रोकने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश है. बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतने शिक्षकों को नौकरी से निकालने के बाद स्कूल कैसे काम कर सकते हैं.

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य-स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलटीएस) की भर्ती प्रक्रिया को इस सप्ताह की शुरुआत में निष्प्रभावी घोषित किया था और इसके माध्यम से की गई सभी र्भितयों को निरस्त करने का आदेश दिया था.

बनर्जी ने कहा, ”अगर किसी ने गलती की है तो उसे सुधारा जा सकता है, लेकिन 25,000 नौकरियां छीन लेना पूरी तरह अन्याय है. अगर इतने सारे शिक्षक नौकरी पर नहीं रहेंगे तो स्कूलों में कैसे काम होगा.” उन्होंने कहा, ”यह भाजपा की साजिश है. मैं न्यायपालिका का सम्मान करती हूं, लेकिन जो कुछ हुआ वह पूरी तरह अन्याय है.” बनर्जी ने कहा कि देश में आजादी के बाद से बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा होने के बावजूद भाजपा नेता नौकरियां छीन रहे हैं.

बनर्जी ने कहा, ”इतनी सारी नौकरियां ले ली गईं ताकि नौकरी गंवाने वाले इन लोगों को चुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात नहीं किया जा सके और केंद्र सरकार के र्किमयों को लगाया जा सके जो भगवा खेमे के इशारे पर काम करेंगे.” मुख्यमंत्री ने कहा, ”हम नौकरियां दे रहे हैं. 10 लाख से अधिक नौकरियां तैयार हैं. लेकिन भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए नौकरियां छीन रही है.

प्रशासन और शिक्षकों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. हम उनका समर्थन करेंगे.” मेदिनीपुर लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार को हराया था. हालांकि इस बार घोष को बर्द्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से उतारा गया है जहां भाजपा को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है.

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