दीपिका-हरिंदर को मिश्रित युगल स्वर्ण, घोषाल को रजत, स्क्वाश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

हांगझोउ. भारत की दीपिका पल्लीकल और हरिंदर पाल सिंह संधू ने गुरुवार को यहां फाइनल में मलेशिया की जोड़ी को सीधे गेम में हराकर मिश्रित युगल का खिताब जीता लेकिन सौरव घोषाल को रजत से संतोष करना पड़ा हालांकि एशियाई खेलों में स्क्वाश में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. दीपिका और हरिंदर ने फाइनल में आइफा बिंटी अजमन और मोहम्मद सयाफिक बिन मोहम्मद कमल को 35 मिनट में 11-10 11-10 से हराया.

भारत के शीर्ष खिलाड़ी घोषाल हालांकि मलेशिया के इयेन यो एंग से 11 . 9, 9 . 11, 5 . 11, 7 . 11 से हार गए. भारत ने 2014 में पुरूष टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था जो टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था . भारत ने इंचियोन में दो रजत और एक कांस्य भी जीता था. दीपिका ने जीत के बाद कहा ,” मुझे हमेशा याद नहीं रहता कि कोर्ट पर क्या हुआ . हमें सिर्फ आखिरी अंक याद रहता है . हम बहुत खुश हैं . हमें बहुत खुशी है कि हम स्वर्ण पदक जीत सके .” दूसरे गेम में एक समय भारतीय जोड़ी आसान जीत की ओर से बढ़ रही थी लेकिन इसके बाद उनकी एकाग्रता टूटी जिससे मलेशिया की जोड़ी मुकाबले को करीबी बनाने में सफल रही.

मलेशिया की जोड़ी ने 3-9 के स्कोर पर लगातार सात अंक से 10-9 की बढ़त बनाई लेकिन दीपिका और हरिंदर ने धैर्य बरकरार रखते हुए लगातार दो अंक के साथ जीत दर्ज की. एशियाई खेलों में संभवत: अंतिम बार खेल रही दीपिका ने अपने अभियान का अंत दो पदक के साथ किया. वह कांस्य पदक जीतने वाली महिला टीम का भी हिस्सा थीं.

वहीं फाइनल तक एक भी गेम नहीं गंवाने वाले घोषाल शुरूआत में 8 . 6 से पिछड़ रहे थे . उन्होंने कुछ अच्छे फोरहैंड लगाकर स्कोर 8 . 8 किया और पहला गेम जीता. मलेशियाई खिलाड़ी ने हालांकि दूसरा गेम 11 . 9 से जीतकर वापसी की और तीसरे तथा चौथे गेम में घोषाल उनके सामने टिक नहीं सके.

हार के बाद उन्होंने कहा ,” मैने ठीक ठाक खेला . दूसरे गेम में लय बरकरार नहीं रख सका . योउ ने जबर्दस्त खेल दिखाया लेकिन मैं अच्छा नहीं खेल पाया . इसके बावजूद अपने प्रयासों पर मुझे गर्व है .” सैतीस वर्ष के घोषाल ने भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ नहीं बताया लेकिन कहा ,” मैने कड़ी मेहनत की . अपनी ओर से पूरा प्रयास किया . अगर मैं खेल को अलविदा भी कहता हूं तो गर्व के साथ कहूंगा .”

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