Delhi Blast: दिल्ली विस्फोट स्थल से 300 मीटर दूर मिला कटा हाथ, शौचालय की छत से किया बरामद

Delhi Blast: लाल किला के पास हुए धमाके के मामले में तीन दिन बाद भी मृतकों के शवों के टुकड़े मिलने का सिलसिला जारी है। लाजपत राय मार्केट के पास बने शौचालय की छत से एक हाथ मिला है। हाथ को क्राइम और फोरेंसिक साइंस की टीम ने कब्जे में ले लिया है।

राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके की जांच जारी है। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त टीम घटनास्थल पर साक्ष्य जुटा रही है। गुरुवार को जांच के दौरान टीम को एक व्यक्ति का कटा हुआ हाथ मिला है। जहां यह हाथ मिला है वो विस्फोट स्थल से करीब 300 मीटर दूर बताया जा रहा है।

दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई है। एक घायल ने गुरुवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अभी करीब 20 घायलों को इलाज जारी है।

सोमवार शाम को 6.52 बजे हुआ कार बम विस्फोट इतना भयानक था कि एक व्यक्ति का कटा हुआ हाथ बहुत दूर जाकर गिरा। शरीर का यह कटा गुरुवार को बरामद हुआ।

लाल किला कॉरिडोर के सामने स्थित लाजपत राय मार्केट के पास बने शौचालय की छत से एक हाथ मिला है। कटे हाथ को क्राइम और फोरेंसिक साइंस की टीम ने कब्जे में ले लिया है। उसे मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया गया है।

ब्लास्ट वेव से फटे कान के पर्दे, फेफड़े और आंत
आपको बता दें कि लाल किले के पास हुए धमाके की तीव्रता इतनी अधिक रही कि ब्लास्ट वेव से कई लोगों के कान के पर्दे, फेफड़े और आंतें फट गईं। कुछ शवों में फेफड़ों, कान और पेट के भीतर ब्लास्ट वेव से नुकसान के संकेत मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि धमाका अत्यंत नजदीक से हुआ। किसी भी विस्फोट के समय अत्यधिक दाब और तापमान से उत्पन्न गैसीय लहर को ब्लास्ट वेव कहते हैं। इससे पता लगता है कि बम धमाका कितना भीषण था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि कई लोगों की मौत के पीछे की वजह धमाके की वजह से लगी गहरी चोट और अत्यधिक खून का बहाना रही। इस दौरान क्रॉस इंजरी पैटर्न भी देखा गया। धमाके के झटके से लोग दीवार या जमीन से टकरा गए। अधिकतर शवों में चोटें ऊपरी शरीर, सिर या छाती पर लगी थी।

धमाके में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रूह कंपा देने वाले खुलासे
जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम में शवों और कपड़ों पर स्प्लिंटर के ट्रेस नहीं मिले, लेकिन और ऐसे संकेत मिल हैं कि धमाके में संभवत कोई संशोधित विस्फोटक पदार्थ इस्तेमाल हुआ हो। विस्फोटक में कौन से केमिकल का इस्तेमाल हुआ, इसका पता लगाने के लिए फॉरेंसिक जांच की जा रही है।

छर्रे आदि के निशान नहीं हैं
शवों पर विस्फोटकों के कोई छर्रे या निशान नहीं मिले। जांच एजेंसियां मौजूदा वक्त में विस्फोटक के किस्म और स्रोत की पुष्टि कर रही हैं। फोरेंसिक लैब में रासायनिक विश्लेषण जारी है। ज्यादातर शवों पर चोटें शरीर के ऊपरी हिस्से, सिर और छाती पर ज्यादा थीं।

प्रमुख बातें
पोस्टमार्टम रिपोर्ट
– कान के पर्दे, फेफड़े और आंतें फटीं
– शवों की हड्डियां टूटीं, सिर पर चोट के निशान मिले।
– मृतकों के कान के पर्दे, फेफड़ेऔर आंतें फट गईं थीं।
– धमाके के झटके से लोग दीवार या जमीन से टकराए।
– गहरी चोट और ज्यादा खून बहने से मौत हुईं।

उधर, सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली विस्फोट मामले के आरोपी डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल की डायरियां भी बरामद की हैं, डायरी में 8 से 12 नवंबर की तारीख दर्ज है। इससे साफ है कि उस दौरान ऐसी घटना की योजना बनाई जा रही थी।

सूत्रों के अनुसार, डायरी में लगभग 25 व्यक्तियों के नाम भी थे, जिनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के रहने वाले थे। डायरियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह कहा जा सकता है कि विस्फोट एक सुनियोजित साजिश के तहत किया जाना था।

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