दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ‘‘निजी कारणों’’ का हवाला देते हुए दिया इस्तीफा

नयी दिल्ली. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1969 बैच के अधिकारी बैजल को नजीब जंग के अचानक इस्तीफे के बाद दिसंबर 2016 में दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था.

पांच साल से अधिक के कार्यकाल में बैजल का प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र और शासन संबंधी मुद्दों पर आम आदमी पार्टी नीत सरकार के साथ अक्सर टकराव हुआ. मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने 2018 में बैजल के कार्यालय में धरना भी दिया था.
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘उन्होंने (बैजल) राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है.’’ बैजल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब तीन नगर निगमों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और केंद्र ने तीन निगमों के एकीकरण के लिए अधिसूचना जारी की है जिसके बाद चुनाव होंगे. दिल्ली में तीन विषय भूमि, सेवाएं और कानून व्यवस्था सीधे उपराज्यपाल के दायरे में आते हैं. सेवा विभाग पर नियंत्रण का मामला अभी भी उच्चतम न्यायालय में है.

बैजल और आम आदमी पार्टी नीत सरकार का बड़ा टकराव जून 2018 में हुआ था जब केजरीवाल अपने मंत्रियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय के साथ उपराज्यपाल कार्यालय में धरने पर बैठ गए. केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि आईएएस अधिकारी दिल्ली सरकार के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं और घर तक राशन पहुंचाने की योजना को मंजूरी नहीं दे रहे हैं.

जुलाई 2018 में उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद उपराज्यपाल और आप के बीच तल्खी कम हुई कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की ‘‘सहायता और सलाह’’ से बंधे हैं. पिछले साल जुलाई में भी आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनाव पैदा हुआ जब बैजल ने किसान आंदोलन संबंधी मामलों में पैरवी के लिए दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर वकीलों की सूची को खारिज कर दिया. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी.

इस साल मार्च में, केजरीवाल के एक ट्वीट के बाद बैजल के हटने की अटकलें तेज हो गईं. केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘‘क्या लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को दिल्ली का अगला उपराज्यपाल बनाया जा रहा है?’’ बैजल के स्थान पर किसकी नियुक्ति होगी इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि केंद्र नौकरशाह को उपराज्यपाल बनाने की लंबे समय से जारी परंपरा के बजाए किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को दिल्ली के नए उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त कर सकता है.

बैजल अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय गृह सचिव थे. उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और नागर विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया है. बैजल इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तथा प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी रह चुके हैं.

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