दिल्ली पुलिस ने कोकीन, मारिजुआना की बड़ी खेप पकड़ी, अनुमानित कीमत करीब 5620 करोड़ रुपये

नयी दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने शहर में मादक पदार्थ की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़ी है. अधिकारियों ने बताया कि 560 किलोग्राम से अधिक कोकीन और 40 किलोग्राम ‘हाइड्रोपोनिक मारिजुआना’ जब्त किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 5,620 करोड़ रुपये है.

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के दल ने दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर से चार व्यक्तियों को पकड़ा और उनके पास से 602 किलोग्राम वजन की खेप जब्त की. गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान दिल्ली निवासी तुषार गोयल (40), हिमांशु कुमार (27) और औरंगजेब सिद्दीकी (23) तथा मुंबई निवासी भरत कुमार जैन (48) के रूप में हुई है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) पी एस कुशवाह ने बताया कि वसंत विहार के पॉश इलाके में रहने वाला गोयल इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह के लिए भारत में मादक पदार्थों का प्रमुख वितरक है. उन्होंने बताया कि अन्य तीन उसके सहयोगी हैं. कुशवाह ने बताया कि गोयल से 15 किलोग्राम कोकीन की खेप लेने जैन दिल्ली आया था, तभी एक अक्टूबर को महिपालपुर में एक गोदाम के बाहर चारों को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि गोदाम में प्रतिबंधित मादक पदार्थ के 22 कार्टन मिले, जिनमें 547 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम से अधिक ‘हाइड्रोपोनिक मारिजुआना’ था.

कुशवाह ने कहा, ”यह दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है.” उन्होंने कहा, ”अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोकीन की अनुमानित कीमत 10 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम है और ‘हाइड्रोपोनिक मारिजुआना’ की कीमत 50 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है.” उन्होंने कहा कि जब्त किये गए मादक पदार्थ की कुल अनुमानित कीमत 5,620 करोड़ रुपये है. अधिकारी ने कहा कि ‘हाइड्रोपोनिक मारिजुआना’ का स्रोत थाईलैंड का फुकेत है. उन्होंने कहा कि इसे हवाई मार्ग से भारत लाया गया था, जबकि कोकीन की खेप पश्चिम एशियाई देशों और भारत के राज्यों से एकत्र किए जाने का संदेह है. अधिकारियों ने कहा कि गोयल के दुबई और पश्चिम एशियाई देशों से संबंध होने का संदेह है.

कुशवाह ने कहा कि आरोपी मादक पदार्थ हासिल करने और उन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों में बेचने के लिए ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान करते थे. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक और एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट की देखरेख में निरीक्षक राहुल कुमार और विनीत कुमार तेवतिया के नेतृत्व में विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम एक गुप्त सूचना के आधार पर दो महीने से अधिक समय से काम कर रही थी, जिसके कारण त्योहारी मौसम से ठीक पहले यह भंडाफोड़ हुआ.

अधिकारी ने कहा कि गोयल ने 2003 में एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से स्नातक किया था और उसके पिता मध्य दिल्ली में दो प्रकाशन गृह चलाते हैं. उन्होंने कहा कि इस गिरोह को संचालित करने के अलावा गोयल अपने पिता के व्यवसाय में भी मदद करता है.
कुमार बाउंसर और बॉडीगार्ड के रूप में काम करता है और वह गोयल को बाहुबल मुहैया कराता था जबकि चालक सिद्दीकी खेप पहुंचाकर उसकी मदद करता था. पुलिस ने कहा कि जैन मुंबई के एक मादक पदार्थ डीलर के निर्देशन में काम करता था और वह गोयल से खेप लेने आया था. उन्होंने कहा कि चारों व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है और मामले की जांच की जा रही है.

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