नोटबंदी पूरी तरह से बेकार और अनुत्पादक कवायद : कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने 2016 में की गई नोटबंदी को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ”यह कवायद पूरी से तरह बेकार और अनुत्पादक रही” और केवल ‘एक व्यक्ति के अहम की पुष्टि के लिए थी. विपक्षी पार्टी ने सरकार पर यह हमला भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सोमवार को यह बताए जाने के बाद किया कि दो हजार रुपये मूल्य के 97.38 प्रतिशत नोट बैंकों में जमा करा दिए गए हैं और केवल 9,330 करोड़ रुपये के नोट ही अब जनता के पास हैं.

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”वह घोषणा याद है जिसमें प्रधानमंत्री ने पहली नोटबंदी में रातोंरात 500 और 1000 रुपये मूल्य के नोट को बंद कर दिया था और दो हजार रुपये मूल्य के नोट की शुरुआत की थी?” उन्होंने कहा, ”उसे ‘ऐतिहासिक’, ‘परिवर्तनकारी’ और ‘बाजी पलटने वाला’, ‘ तुरुप का पत्ता’ और पता नहीं क्या-क्या बताया गया. वास्तविकता यह है कि बंद किए गए 99.3 प्रतिशत नोट वापस प्रणाली में आ गए. कोई उद्देश्य पूरे नहीं हुए खासतौर पर काला धन को नष्ट करने और आंतकवाद का वित्तपोषण रोकने के.” रमेश ने कहा कि इसके उलट नोटबंदी, गलत तरीके से लागू जीएसटी और अचानक आई कोविड-19 महामारी के चलते लागू लॉकडाउन ने सूक्ष्म एवं छोटे कारोबार को पस्त कर दिया जिससे वे कभी नहीं उबरे.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ”कई कारोबार और फैक्टरी या तो बंद हो गए या उनका आकार छोटा हो गया. वहीं, शेयर बाजार बढ़ रहा है और रेहड़ी-पटरी का खुदरा बाजार अब भी पुरानी स्थिति में नहीं आया है.” उन्होंने कहा कि अब रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक हाल में वापस लिए गए दो हजार रुपये मूल्य के 97 प्रतिशत नोट वापस आ गए हैं.

रमेश ने कहा, ”यह नाटक पूरी तरह से बेकार और अनुत्पादक कवायद में तब्दील हो गया. यह केवल एक व्यक्ति की अहम की पुष्टि के लिए हुआ.” रिजर्व बैंक ने 19 मई को दो हजार रुपये मूल्य के नोट को परिचालन से बाहर करने की घोषणा की थी. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, ”19 मई 2023 को जब दो हजार रुपये मूल्य के नोट को परिचालन से बाहर करने की घोषणा की गई तब बाजार में कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट दो हजार रुपये मूल्य के थे. 29 दिसंबर 2023 को नोट बदलने की आखिरी तारीख तक 9,330 करोड़ रुपये मूल्य के नोट जमा नहीं हुए थे.”

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