क्या गोयल ने सीईसी या मोदी सरकार से मतभेदों के कारण निर्वाचन आयुक्त पद से इस्तीफा दिया: कांग्रेस
भाजपा के दबाव के आगे न झुकने के लिए अरुण गोयल को सलाम: ममता
नयी दिल्ली/कोलकाता/मुंबई. कांग्रेस ने अरुण गोयल के निर्वाचन आयुक्त पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद रविवार को पूछा कि क्या उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) या नरेन्द्र मोदी सरकार के साथ किसी मतभेद के कारण यह कदम उठाया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूछा कि क्या गोयल ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है, जैसा कि उन्होंने अपने त्याग पत्र में इसका उल्लेख किया है या कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है.
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”कल शाम अरुण गोयल का निर्वाचन आयुक्त पद से इस्तीफा तीन सवाल खड़े करता है.” उन्होंने कहा, ”क्या उन्होंने वास्तव में मुख्य निर्वाचन आयुक्त या मोदी सरकार के साथ मतभेदों के कारण इस्तीफा दिया. या फिर उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया? या उन्होंने, कुछ दिन पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की तरह, भाजपा के टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है.” कांग्रेस नेता ने कहा कि निर्वाचन आयोग आठ महीने से ‘वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों से मिलने से इनकार कर रहा है और हेरफेर को रोकने के लिए वीवीपैट बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा, ”मोदी के भारत में हर गुजरता दिन लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अतिरिक्त आघात करता है.” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हालांकि गोयल के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि वह आने वाले दिनों में क्या करते हैं.
गोयल के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”मैं सोच रहा था कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने इस्तीफा दे दिया और अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को अपशब्द कहने लगे. इससे पता चलता है कि भाजपा ने ऐसी मानसिकता वाले लोगों को नियुक्त किया है. अब निर्वाचन आयुक्त ने इस्तीफा दे दिया है, तो थोड़ा इंतजार करें कि वह क्या करते हैं.” निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया था.
गोयल का कार्यकाल पांच दिसंबर 2027 तक था और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद वह अगले साल फरवरी में संभवत: सीईसी का पदभार संभालते. कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया. सेवानिवृत्त नौकरशाह गोयल पंजाब कैडर के1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे. वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे. फरवरी में अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार हैं.
भाजपा के दबाव के आगे न झुकने के लिए अरुण गोयल को सलाम: ममता
निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबाव के आगे ”न झुकने” के लिए उनकी सराहना की और कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार होगी.
यहां ब्रिगेड परेड मैदान में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की एक रैली में बनर्जी ने कहा कि गोयल का अचानक इस्तीफा साबित करता है कि ”भाजपा लोकसभा चुनावों में वोट लूटने का प्रयास कर रही है.” उन्होंने कहा, ”पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों और सुरक्षा बलों की तैनाती के संबंध में दिल्ली के नेताओं (भाजपा के) और उनके शीर्ष आकाओं के दबाव के आगे न झुकने के लिए मैं अरुण गोयल को सलाम करती हूं. यह साबित हो गया है कि वे (भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार) चुनाव के नाम पर क्या करना चाहते हैं. वे वोट लूटना चाहते हैं.” निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की अपेक्षित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को इस्तीफा दे दिया. गोयल का कार्यकाल 5 दिसंबर, 2027 तक था और अगले साल फरवरी में मौजूदा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद वह सीईसी बन जाते.
पश्चिम बंगाल में केंद्रीय धन की हेराफेरी के आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए टीएमसी प्रमुख ने कहा, ”प्रधानमंत्री को बंगाल के खिलाफ निराधार आरोप लगाने से पहले अधिकारियों के साथ तथ्यों की जांच करनी चाहिए.” बनर्जी ने कहा, ”वह केवल बंगाल में परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं लेकिन राज्य के लिए धन जारी नहीं कर रहे हैं. यही उनकी गारंटी है. उन्होंने सभी झूठे वादे किये हैं.” टीएमसी ने रविवार को 42 लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की और कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में विशाल रैली से अपना चुनाव अभियान शुरू किया. टीएमसी प्रमुख ने दोहराया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल उनकी पार्टी बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी.
‘जन गर्जन सभा’ में बनर्जी ने कहा, ”हम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस, भाजपा और माकपा के खिलाफ मुकाबला करेंगे. हम असम और मेघालय में भी चुनाव लड़ेंगे. हम उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए (सपा के) अखिलेश यादव से बातचीत कर रहे हैं.”
उद्धव, शरद पवार नीत गुटों ने निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर सरकार की आलोचना की
निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा देने के एक दिन बाद रविवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने दावा किया कि भारत का निर्वाचन आयोग अब एक स्वायत्त संस्था नहीं है बल्कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विस्तारित शाखा के रूप में काम करता है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार की अगुवाई वाली धड़े ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले गोयल का अचानक इस्तीफा देना संदिग्ध नजर आता है. निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया.
गोयल का कार्यकाल पांच दिसंबर 2027 तक था और अगले साल फरवरी में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद वह सीईसी का पदभार संभालते. राउत ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया, ”भारत के निर्वाचन आयोग का अस्तित्व है या नहीं, इसका कोई मतलब नहीं है खासतौर से तब जब उसने 10वीं अनुसूची का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए शिवसेना और राकांपा के विभाजन के मामलों में भाजपा के दबाव में आदेश दिए.”
उन्होंने दावा किया, ”भारत का निर्वाचन आयोग स्वायत्त प्रहरी नहीं है, जैसा वह टीएन शेषन के दौर में हुआ करता था. बल्कि यह अब भाजपा की विस्तारित शाखा के रूप में काम करता है.” वह निर्वाचन आयुक्त के पद से गोयल के इस्तीफे पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. निर्वाचन आयुक्त के तौर पर अनूप पांडेय की सेवानिवृत्ति और अब एक महीने के भीतर गोयल के इस्तीफे से तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में सीईसी राजीव कुमार अकेले रह गए हैं.
राउत ने दावा किया कि भारत के निर्वाचन आयोग में भाजपा कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया जाएगा. राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा संदिग्ध दिखायी देता है. उन्होंने एक बयान में कहा, ”क्या उन्होंने इसलिए इस्तीफा दे दिया क्योंकि उन्हें संदेह था कि चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से नहीं कराए जाएंगे? क्या उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठायी इसलिए उन्हें जाने के लिए कहा गया? सरकार को जवाब देना चाहिए.”