डोर्सी ने ट्विटर को बंद किए जाने की धमकी का दावा किया, सरकार ने ‘सफेद झूठ’ बताया

नयी दिल्ली. ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने सनसनीखेज दावा किया है कि भारत सरकार ने वर्ष 2020 और 2021 में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकार की आलोचना वाले खातों और पोस्ट को हटाने का अनुरोध नहीं मानने पर कंपनी का कामकाज बंद करने और उसके कर्मचारियों पर छापे मारने की धमकी दी थी. सरकार ने इस आरोप को ‘सफेद झूठ’ बताकर खारिज कर दिया है.

साल 2021 में ट्विटर के सीईओ पद से इस्तीफा दे चुके डोर्सी एक साक्षात्कार में सरकार पर दबाव बनाये जाने का आरोप लगाते हुए कहा, ”यह कई तरीकों से किया गया, जैसे :’हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, जो हमारे लिए बहुत बड़ा बाजार है. ‘हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारेंगे’, जो उन्होंने किया. और यह भारत है, एक लोकतांत्रिक देश.” डोर्सी के इस दावे के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने ट्वीट में कहा, ” भारत दुनिया का सबसे बड़ा और पारदर्शी लोकतंत्र है. भारत में जब भी चुनाव नज.दीक होते हैं तो कुछ विदेशी ताक.तें और यहाँ उनके एजेंट एक योजनाबद्ध तरीक.े से देश को अस्थिर व बदनाम करने के लिए सक्रिय होते हैं.” उन्होंने दावा किया कि जैक डोर्सी सफ.ेद झूठ बोल रहे हैं.

ठाकुर ने सवाल किया कि ट्विटर के अधिग्रहण पर ट्विटर फ.ाइल्स को लेकर उनके पक्षपात, छेड़खानी व दुर्भावना पर जो खुलासे हुए, उस पर आज तक उन्होंने जवाब क्यों नहीं दिया? वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को खारिज करते हुए ट्वीट किया कि ”डोर्सी के समय ट्विटर प्रशासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी.” उन्होंने कहा, ”कोई जेल नहीं गया और ना ही ट्विटर बंद किया गया.” इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को सिरे से खारिज करते हुए ट्वीट किया कि ”डोर्सी के समय ट्विटर प्रशासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी.”

उन्होंने कहा, ”कोई जेल नहीं गया और ना ही ट्विटर बंद किया गया. यह जैक का साफ झूठ है जो शायद ट्विटर के इतिहास के उस, बहुत संदिग्ध समय के दागों को मिटाने की कोशिश है.” चंद्रशेखर ने अपने लंबे पोस्ट में इस बारे में विस्तार से लिखा है कि सरकार ने ऐसा क्या देखा जो सोशल मीडिया मंचों को संचालित करने वाले स्थानीय कानूनों का पालन नहीं होने जैसा था.

उन्होंने कहा, ”तथ्य और सत्य- डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था. उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और अंतत: जून 2022 में उन्होंने अनुपालन शुरू किया.” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी और वह ऐसे व्यवहार करता था मानो भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते.

डोर्सी के इस दावे के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि वह लोकतंत्र को कमजोर कर रही है तथा विरोध के स्वर को कुचल रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ”भाजपा-आरएसएस के राजनीतिक वंशज, जिनके पूर्वज स्वतंत्रता के आंदोलन में हिन्दुस्तानियों के ख.लिाफ. खडे. होकर अंग्रेजों के पक्ष में लड़े, वो ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान पर राष्ट्रवाद का ढोंग न रचें ! देश को र्शिमंदा करने में भाजपा अव्वल है.” पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार को पत्रकारों, मीडिया और सोशल मीडिया मंचों को ‘डराना-धमकाना’ बंद करना चाहिए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री औेर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के बयान को लेकर मंगलवार को कहा कि अगर किसानों के आंदोलन को विफल करने का प्रयास किया गया था, तो यह “गलत” है. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा कि मोदी सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान न सिर्फ किसानों को डराया-धमकाया था, बल्कि वो भी किया जिसका दावा डोर्सी ने किया है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इस सरकार में पूरे ‘इकोसिस्टम’ का पुरजोर तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा है. उधर, भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने मंगलवार को ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सोशल मीडिया कंपनी ने 2020-2022 के बीच कानूनों का उल्लंघन किया था.

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