अदन की खाड़ी में वाणिज्यिक जहाज पर ड्रोन हमला, भारतीय नौसेना ने जवाबी कार्रवाई की

अरब सागर में पोत तैनात किये गए हैं, अस्थिरता पैदा नहीं करने देंगे : नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार

नयी दिल्ली. अदन की खाड़ी में मार्शल द्वीप के ध्वज वाले एक वाणिज्यिक जहाज पर बुधवार रात ड्रोन हमला होने के बाद भारतीय नौसेना का मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ तुरंत मदद के लिए आगे आया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि जहाज पर नौ भारतीयों सहित चालक दल के 22 सदस्य सवार थे.

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना के मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ ने ‘जेनको पिकार्डी’ जहाज से एक आपात संदेश मिलने के लगभग एक घंटे के भीतर जवाबी कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक जहाज पर अदन बंदरगाह से 60 समुद्री मील दक्षिण में हमला किया गया. लाल सागर और अरब सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हमलों को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं.

अधिकारियों ने बताया कि इसमें किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है और जहाज पर लगी आग पर काबू पा लिया गया है.
उन्होंने बताया कि समुद्री लूट रोधी अभियानों के लिए अदन की खाड़ी में तैनात ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ ने बुधवार रात 11 बजकर 11 मिनट पर ड्रोन हमले के बाद मार्शल द्वीप के ध्वज वाले ‘एमवी जेनको पिकार्डी’ के संकट में होने संबंधी आपात संदेश का शीघ्र जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के ईओडी (विस्फोटक आयुध निस्तारण) विशेषज्ञ जहाज का निरीक्षण करने के लिए बृहस्पतिवार सुबह उस पर गए. उन्होंने बताया कि ईओडी विशेषज्ञों ने गहन जांच के बाद जहाज को आगे की यात्रा के लिए मंजूरी दे दी है. नौसेना ने कहा, ”समुद्री लूट रोधी अभियानों के लिए अदन की खाड़ी में तैनात मिशन ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ ने 17 जनवरी को रात 11 बजकर 11 मिनट पर ड्रोन हमले के बाद ‘एमवी जेनको पिकार्डी’ के मुश्किल में फंसे होने संबंधी सूचना पर तेजी से कार्रवाई की.” इसने कहा कि युद्धपोत ने सहायता प्रदान करने के लिए रात साढ़े 12 बजे जहाज को रोका.

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ अदन की खाड़ी में गश्त कर रहा था. भारतीय नौसेना के विशिष्ट समुद्री कमांडो ‘मार्कोस’ ने उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के ध्वज वाले वाणिज्यिक जहाज ‘एमवी लीला नॉरफोक’ के अपहरण के प्रयास पर कार्रवाई करते हुए पांच जनवरी को चालक दल के सभी सदस्यों को बचा लिया था.

अरब सागर में पोत तैनात किये गए हैं, अस्थिरता पैदा नहीं करने देंगे : नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए पश्चिमी तट पर पोत तैनात किये गए हैं और किसी तरह की ”अस्थिरता” पैदा नहीं करने दी जाएगी. अरब सागर और लाल सागर क्षेत्र में स्थिति पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि समुद्री लूट रोधी दो अभियानों के लिए क्षेत्र में भारतीय पोत पहले से तैनात हैं. उन्होंने यहां वैश्विक कृत्रिम मेधा शिखर सम्मेलन के चौथे संस्करण से इतर मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारतीय व्यापारिक जहाज पर कोई हमला नहीं हुआ है.

एडमिरल कुमार ने कहा, ”चाहे कुछ भी हो रहा हो, लेकिन भारतीय ध्वज वाले किसी व्यापारिक जहाज पर कोई हमला नहीं हुआ है. पिछली बार, जब बड़ी संख्या में भारतीय चालक दल वाले जहाज पर समुद्री लूट का प्रयास किया गया था, तो हमारे पोत तुरंत तैनात कर दिये गए थे, (और) हमने जवाब दिया था.” उन्होंने कहा, ”हमारा संदेश यह है कि हम किसी तरह की अस्थिरता या असुरक्षा उत्पन्न नहीं होने देंगे.”

नौसेना प्रमुख ने कहा, ”हम यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात हैं कि समुद्री क्षेत्र में हमारे राष्ट्रीय हित सुरक्षित रहें. हमारी अपनी तैनातियां हैं. वहां समुद्री लूट रोधी हमारे दो अभियान जारी हैं और वाणिज्यिक नौवहन के लिए ड्रोन रोधी सहायता प्रदान कर रहे हैं.” इजराइल-हमास संघर्ष के मद्देनजर लाल सागर में हूती चरमपंथियों को लेकर बढ.ती वैश्विक चिंताओं के बीच ये टिप्पणियां आई हैं.

एडमिरल कुमार ने कहा, ”नौसेना का काम यह सुनिश्चित करना है कि हम समुद्री क्षेत्र में अपने राष्ट्रीय हित का संरक्षण व रक्षा करें और उसे आगे बढ.ाएं. समुद्री लूट रोधी अभियान 2008 से चलाये जा रहे हैं. हमने तब से नियमित आधार पर 106 से अधिक पोत तैनात किये हैं.” उन्होंने कहा, ”ऑपरेशन संकल्प अदन की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के निकट चलाया जा रहा है. हमने देखा है कि समुद्री लूट पिछले साल तक लगभग खत्म हो गई थी. लेकिन बाद में, हमने इसे फिर से पनपते देखा…हमने पर्याप्त संख्या में पोत तैनात किये हैं. हम किसी भी प्रकार की समुद्री लूट नहीं होने देंगे.” कृत्रिम मेधा (एआई) के बारे में कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना अभियानगत और अन्य उद्देश्यों के लिए ‘एआई’ के उपयोग पर अनुसंधान कर रही है. कई परियोजनाएं जारी हैं.

उन्होंने कहा, ”इन सभी नयी प्रौद्योगिकियों और मशीन की जरूरत है. ये सब नयी नौकरियां, नयी विशेषज्ञता सृजित करेंगे और लोगों को नये कौशल प्राप्त होंगे.” उन्होंने कहा, ”हमारे पास आईडेक्स और एनआईआईओ (नौसेना नवाचार एवं स्वदेशीकरण संगठन) भी है.” कुमार ने कहा कि आईडेक्स के तहत, ‘एआई’ परियोजनाओं के लिए स्टार्टअप के साथ लगभग 14 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. वह यहां मानेकशॉ सेंटर में वैश्विक कृत्रिम मेधा शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

भारत ने लाल सागर में सुरक्षा स्थिति को चिंता का विषय बताया

भारत ने बृहस्पतिवार को लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति को ”चिंता का विषय” बताया और कहा कि वह क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के घटनाक्रम पर पैनी नजर रख रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने लाल सागर में नौवहन और वाणिज्य की स्वतंत्रता के महत्व पर भारत के जोर की पुष्टि की. इजराइल-हमास संघर्ष के बीच, हूती आतंकवादी लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं जिससे वैश्विक चिंताएं पैदा हो रही हैं.

अदन की खाड़ी में मार्शल द्वीप के ध्वज वाले एक वाणिज्यिक जहाज पर बुधवार रात ड्रोन हमला होने के बाद भारतीय नौसेना का मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ तुरंत मदद के लिए आगे आया. जहाज पर नौ भारतीयों सहित चालक दल के 22 सदस्य सवार थे. अमेरिका और ब्रिटेन पहले ही यमन में हूती के ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले शुरू कर चुके हैं.

जायसवाल ने कहा, ”यह हमारे लिए चिंता का विषय है. हम उस क्षेत्र में नौवहन और वाणिज्य की स्वतंत्रता को बहुत महत्व देते हैं. वहां जो कुछ भी हो रहा है उसका असर न सिर्फ हम पर पड़ता है, बल्कि दुनिया भर में इतने सारे लोगों के आर्थिक और कई अन्य हितों पर भी पड़ता है.” वह लाल सागर की स्थिति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”हम स्थिति पर पैनी नजर रख रहे हैं और उभर रही स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.”

तेहरान की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के साथ लाल सागर और अदन की खाड़ी की स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ”हम पूरी स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं. यह न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है. वहां हमारे हित हैं जो प्रभावित हो रहे हैं.” लाल सागर का रणनीतिक महत्व है क्योंकि वैश्विक व्यापार का लगभग 15 प्रतिशत बाब अल-मंडब जलडमरूमध्य के माध्यम से गुजरता है.

ईरान के अंदर कथित बलूच अलगाववादी शिविरों पर पाकिस्तान द्वारा जवाबी मिसाइल हमला करने के बारे में पूछे जाने पर, जायसवाल ने टिप्पणी करने से परहेज किया. बुधवार को, भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए ईरान के घातक मिसाइल हमले का समर्थन करते हुए कहा कि वह उन कार्रवाइयों को समझता है जो देश आत्मरक्षा में करते हैं.

सात अक्टूबर को इजराइली शहरों पर हमास के हमले के बाद दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजराइल पर फलस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार का आरोप लगाने के बारे में पूछे जाने पर, जायसवाल ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष पर भारत की स्थिति सुसंगत रही है. उन्होंने कहा, ”हमारी स्थिति सुसंगत रही है. हमने आतंकवाद की निंदा की है. हमने बंधकों की रिहाई का आह्वान किया और नागरिकों की सुरक्षा की मांग की है. हमने मानवीय सहायता का भी आह्वान किया और हम दीर्घकालिक रूप से दो-राष्ट्र समाधान के पक्ष में हैं.”

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