सीयूईटी के कारण भी युवा स्नातक की पढ़ाई के लिए विदेश जाने को मजबूर : कांग्रेस
मणिपुर पर प्रधानमंत्री का बयान आश्चर्यजनक, स्थिति सामान्य नहीं है: कांग्रेस
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के नतीजों में देरी को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की आलोचना की और दावा किया कि यह परीक्षा ही एक कारण है कि अधिक से अधिक युवा स्नातक की पढाई के लिए विदेश जाना चाह रहे हैं. सीयूईटी के नतीजे 30 जून तक घोषित होने वाले थे. एजेंसी ने अभी तक इस बारे में कोई अपडेट नहीं दिया है कि नतीजे कब घोषित किए जाएंगे.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि एनटीए, सीयूईटी परिणाम पर काम कर रहा है और जल्द ही नतीजे की तारीख की घोषणा करेगा. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”पूरी तरह से बदनाम एनटीए ने पहले घोषणा की थी कि सीयूईटी के नतीजे 30 जून को घोषित किए जाएंगे. अब ऐसा लग रहा है कि 10 जुलाई को इनकी घोषणा होगी.” रमेश ने दावा किया कि सीयूईटी एक कारण है कि अधिक से अधिक युवा स्नातक शिक्षा के लिए विदेश जाना चाह रहे हैं.
मणिपुर पर प्रधानमंत्री का बयान आश्चर्यजनक, स्थिति सामान्य नहीं है: कांग्रेस
कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह दावा हैरान करने वाला है कि मणिपुर में स्थिति सामान्य है क्योंकि वास्तविकता यह है कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी मणिपुर का कोई उल्लेख नहीं था. प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर में प्रदेश की सरकार के साथ मिलकर स्थिति को सामान्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत है.
उन्होंने सभी से राजनीति से ऊपर उठकर वहां की स्थिति को सामान्य बनाने में सहयोग की अपील की और साथ ही ‘आग में घी डालने’ वालों को आगाह भी किया कि वे ऐसी हरकतें बंद करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मणिपुर के अधिकतर हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और दूसरे संस्थान खुल रहे हैं.
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”इस मुद्दे पर महीनों की चुप्पी के बाद आज राज्यसभा में ”नॉन-बॉयोलॉजिकल” प्रधानमंत्री ने आश्चर्यजनक दावा किया कि मणिपुर में स्थिति सामान्य है. वास्तविकता में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है जैसा कि आंतरिक मणिपुर के सांसद ने एक जुलाई को लोकसभा में बताया था.” उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री ने 3 मई, 2023 की रात को हिंसा की शुरुआत के बाद से अभी तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है और न ही उन्होंने राज्य के राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की है.” रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण भी इस मुद्दे पर मौन रहा.