ईडी ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े धनशोधन के मामले में सोनिया, राहुल को किया तलब
नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को बुधवार को समन जारी किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सोनिया गांधी (75) को ईडी ने आठ जून को मध्य दिल्ली के अपने मुख्यालय में पेश होने को कहा है, वहीं राहुल गांधी को दो जून को पेश होने को कहा गया है.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु ंिसघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सोनिया गांधी समन का पालन करेंगी. ंिसघवी और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी (51) ने जांच एजेंसी को पेश होने की तारीख को पांच जून के बाद तक टालने के लिए पत्र लिखा है क्योंकि वह देश में नहीं हैं. ंिसघवी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार जान ले कि इस प्रकार के फर्जी और मनगढ़ंत मामले दर्ज कर वह अपनी घिनौनी व कायराना साजिश में कामयाब नहीं हो सकती.’’ ईडी के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान दर्ज करना चाहती है.
यह मामला पार्टी सर्मिथत ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था. समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड का है. ‘नेशनल हेराल्ड’ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है.
ईडी ने जांच के तहत हाल में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी. अधिकारियों ने बताया कि ईडी सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर वित्तीय लेनदेन, यंग इंडियन के प्रवर्तकों तथा एजेएल की भूमिका के बारे में पता लगाना चाहती है.
यहां की एक निचली अदालत द्वारा यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लेने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में शामिल हैं. पिछले महीने ईडी द्वारा खड़गे से पूछताछ के बाद लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने सरकार पर उन्हें ‘परेशान’ करने का आरोप लगाया था. भाजपा सांसद स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के कोष का गबन करने का आरोप लगाया था. स्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल फरवरी में स्वामी की याचिका पर सोनिया, राहुल को उनके जवाब के लिए नोटिस जारी किया था. याचिका में निचली अदालत में इस मामले में सबूत पेश करने का अनुरोध किया गया था. सोनिया, राहुल ने 2015 में अलग-अलग 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि अदा करने के बाद अदालत से जमानत हासिल की थी. हालांकि, उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में दलील दी कि स्वामी की याचिका गलत तथ्यों पर आधारित है और ‘समय से पहले’ दायर की गई है. स्वामी द्वारा दर्ज कराए गए इस मामले में अन्य आरोपी सुमन दुबे और सैम पित्रोदा हैं. वे पूर्व में कह चुके हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया.