शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जो जीवन में परिवर्तन लाता है: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जशपुर जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति ’पहाड़ी कोरवा’ और ’बिरहोर’ जनजाति के 142 युवाओं को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति पत्र का वर्चुअल रूप से वितरण किया. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बगीचा में भेंट-मुलाकात के दौरान विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दिलाने की घोषणा की थी. जिस पर अमल करते हुए आज 142 युवाओं को नियुक्ति पत्रों का वितरण किया गया.

गौरतलब है कि इससे पहले भी जशपुर जिले के विभिन्न शासकीय विभागों में पहाड़ी कोरवा जनजाति के अभ्यर्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार 57 पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं. प्रदेश में अब तक विशेष पिछड़ी जनजाति के 708 युवाओं को शासकीय नौकरी दी जा चुकी है. मुख्यमंत्री निवास में इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री कवासी लखमा और आदिम जाति विकास विभाग की संचालक शम्मी आबिदी भी उपस्थित थीं. संसदीय सचिव यू.डी. मिंज और विधायक विनय भगत कार्यक्रम स्थल से वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े.

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से इन युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जो जीवन में परिवर्तन लाता है. शिक्षा ही आगे बढ़ने मार्ग प्रशस्त करती है. बघेल ने कहा कि आप लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई लिखाई की. आपके माता-पिता का आशीर्वाद भी आप के साथ रहा. आप शिक्षक बने हैं, मन लगाकर बच्चों को पढ़ाएं ताकि बच्चों का भविष्य अच्छा हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान और विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं. इनका अधिक से अधिक अपने समाज में प्रचार-प्रसार करे ताकि विशेष पिछड़ी जनजातियों के अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें. उन्होंने युवाओं को उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जनजातीय समाज परंपरागत रूप से विकास की दौड़ में पिछड़ा हुआ समाज है. इस समाज में कुछ समुदाय बहुत ज्यादा पीछे रह गए हैं. इन समुदायों को हम विशेष पिछड़ी जनजातीय के रूप में जानते हैं. राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए राज्य शासन द्वारा बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं. इन समुदायों के पढ़े-लिखे नौजवानों को शासकीय सेवाओं में उनकी पात्रता के अनुसार सीधी नियुक्ति दी जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के उत्थान के लिए जल-जंगल-जमीन के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए हमने पेसा कानून के सबसे बेहतर नियम लागू किए हैं. 65 प्रकार की वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और उनके प्रसंस्करण से वनवासियों को रोजगार और आय के अच्छे साधन मिल रहे हैं. कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य तय करके उनकी खरीदी की व्यवस्था की गई है. इन फसलों के लिए भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत इनपुट सब्सिडी दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा की इन युवाओं ने बहुत विषम परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई की है. सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिलने से इन समुदाय में पढ़ाई के लिए उत्साह बढ़ेगा.

आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के उत्थान और विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है. उन्होंने युवाओं से कहा कि एक शिक्षक के रूप में आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करें और बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें. संसदीय सचिव यू.डी. मिंज और विधायक विनय भगत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य शासन द्वारा इन जनजातियों के 142 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया.

आदिम जाति कल्याण विभाग की आयुक्त शम्मी आबिदी ने बताया कि जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजातियों के सर्वाधिक 199 युवाओं को शासकीय नौकरी दी गई है. इसी तरह बलरामपुर जिले में 95 तथा कबीरधाम जिले में इन जनजातियों के 80 युवाओं को नौकरी दी गई है. कलेक्टर जशपुर डॉ. रवि मित्तल ने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के जिन युवाओं को आज नौकरी दी गई, उनमें हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा उतीर्ण 124, स्नातक उत्तीर्ण 11 एवं स्नातकोत्तर उत्तीर्ण 06 पहाड़ी कोरवा शामिल है. बिरहोर समुदाय के भी 01 अभ्यर्थी को भी नियुक्ति दी गई है. जो हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा उत्तीर्ण है.
नियुक्ति मिलने पर युवाओं ने जताया मुख्यमंत्री के प्रति आभार

जशपुर जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय के युवा शासकीय नौकरी पाकर बहुत खुश है. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ऑनलाईन नियुक्ति पत्र मिलने पर खुशी जताते हुए आभार प्रकट किया. मुख्यमंत्री ने भी इन युवाओं के साथ आत्मीयतापूर्वक चर्चा की और उनके खुशहाल जीवन के लिए अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी.

विकासखंड बगीचा के ग्राम कुरहाटिपना की सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त सुअसीमा बाई ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पिताजी ने मजदूरी कर उन्हें स्नातक तक की शिक्षा दिलवाई. 2019-20 में अतिथि शिक्षक के रूप में उनका चयन हुआ जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ और आज शासकीय सेवा में नियुक्ति मिलने पर अब वे अपने परिवार एवं समाज के उत्थान में सहयोग दे पाएंगी. उन्होंने कहा कि वे भविष्य में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर समाज एवं प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगी. सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त बगीचा विकासखंड के ग्राम कलिया के ब्रजकिशोर राम ने मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि उनके माता-पिता ने कृषि मजदूरी कर उनकी स्नातक तक शिक्षा दिलाई. उन्हें पूर्व में खनिज न्यास निधि के माध्यम से अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिली थी.

बगीचा विकासखंड के ग्राम नवरंगपुर निवासी तथा सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्त विजय कुमार ने बताया कि वे आर्थिक तंगी की वजह से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए, उनके माता-पिता ने कृषि मजदूरी एवं मनरेगा के तहत काम कर उनकी स्नातक की पढ़ाई पूरी करवाई. उन्हें पूर्व में अतिथि शिक्षक के रुप में नियुक्ति मिली थी. मुझे जशपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति मिली.

चतुर्थ श्रेणी के पद पर स्वच्छता परिचारक के पद पर नियुक्त सराईटोली, सन्ना की शामबती पहाड़िया ने बताया कि उनके माता-पिता ने कृषि मजदूरी एवं उधार लेकर उन्हें शिक्षा दिलवाई है. नियुक्ति प्राप्त इन युवाओं ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया. राजपुर, बगीचा के संकल्प शिक्षण संस्थान मेें कक्षा 10 वीं में अध्ययनरत ग्राम राजपुर के छात्र शंशु राम ने मुख्यमंत्री बघेल से फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की. मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर शंशु राम ने बताया कि वे भविष्य में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आईआईटी मुंबई जाना चाहते हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि खूब बढ़िया सपना आपने देखा है और इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है. अनुशासन, कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से पढ़ाई करेंगे तो निश्चित ही आपका सपना साकार होगा. मनोरा विकासखंड के पहाड़ी कोरवा समाज की संरक्षक पंडरी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया.

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