उत्तराखंड को ईरान की तर्ज पर हिंदुत्व की प्रयोगशाला बनाने का प्रयास : कार्ति चिदंबरम

नयी दिल्ली. कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित होने पर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वे लोगों के निजी मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं तथा पर्वतीय राज्य को ईरान की तर्ज पर हिंदुत्व की प्रयोगशाला बनाना चाहते हैं. उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर दिया.

कार्ति चिदंबरम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”उत्तराखंड, ईरान की तर्ज पर हिंदुत्व की प्रयोगशाला है.” बाद में, उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि एक अवधारणा के रूप में यूसीसी ठीक है लेकिन इसे पेश करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह सभी धर्मों और प्रथाओं में प्रचलित विसंगतियों को दूर करने के लिए होना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा, ”उदाहरण के लिए, हमारे यहां हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) नामक व्यवस्था है. वास्तव में मैं एचयूएफ का लाभार्थी हूं. क्या यह यूसीसी में रहेगा या इसे यूसीसी में हटा दिया जाएगा? देश के कुछ हिस्सों में नजदीकी रिश्तेदारों में विवाह होते हैं. वास्तव में, देश के कुछ हिस्सों में चाचा-भतीजी के बीच शादी होती है. उत्तराखंड में ये चीजें प्रतिबंधित हैं. क्या हम ऐसी समान संहिता ला रहे हैं जो सभी धर्मों की कुछ प्रथाओं को दूर कर देगी?” कांग्रेस सांसद ने कहा कि वे लोग इसका इस्तेमाल लोगों की निजी जिंदगी में हस्तक्षेप करने के लिए कर रहे हैं.

तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से सांसद कार्ति ने कहा, ”उदाहरण के लिए, वे कह रहे हैं कि लिव-इन संबंधों को पंजीकृत किया जाना चाहिए. इसलिए यदि दो लोग लिव-इन में रहने का फैसला करते हैं, तो उन्हें पंजीकरण कराना होगा. मान लीजिए कि छह महीने के बाद उनके बीच झगड़ा हो जाता है और वे अलग हो जाते हैं. तो, उन्हें फिर से जाकर कहना होगा कि हमारे बीच झगड़ा हो गया और हम अलग हो रहे हैं.” उन्होंने कहा कि यह बकवास है और ईरान जैसे धार्मिक देश ठीक इसी तरह का आचरण करते हैं.

कार्ति ने कहा, ”वे किसी शुष्क दिन (जब शराब की बिक्री पर रोक होती है) पर कहेंगे, यदि आपके घर में शराब है, तो कोई पुलिसकर्मी आ सकता है और मुकदमा चला सकता है. फिर वे एक कदम और आगे बढ.ेंगे और कहेंगे कि आज कोई मांसाहार नहीं करेगा. और आप अपने घर में मांसाहार करते हैं तो फिर उल्लंघन माना जाएगा.” उन्होंने कहा, ”ईरान जैसा धार्मिक देश इसी तरह का आचरण करता है. इसलिए अगर हम भी उसी प्रकार का व्यवहार करेंगे तो यह ईरान की तर्ज पर हिंदुत्व जैसी स्थिति हो जाएगी… उत्तराखंड इसके लिए एक प्रयोगशाला है.”

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